ट्रंप-पुतिन अलास्का मीटिंग को लेकर बड़ा दावा, अमेरिकी सीनेट ने बताया रूस क्यों आया बातचीत करने?

Trump Putin Meeting Update: यूक्रेन के साथ युद्ध और सीजफायर पर बात करने के लिए रूस के राष्ट्रपति पुतिन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने को राजी क्यों हुए? इस लेकर अमेरिकी सीनेट की ओर से बड़ा दावा किया गया है। अमेरिकी सीनेट की बजट समिति के अध्यक्ष लिंडसे ग्राहम ने कहा है कि अलास्का शिखर सम्मेलन में पुतिन के आने की एकमात्र वजह यह थी कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर 50% शुल्क लगाने की धमकी दी थी। अगर अमेरिका रूस के ग्राहकों पर सख्ती बरतेगा तो रूस की अर्थव्यवस्था डगमगाएगा और राष्ट्रपति पुतिन फिर सही राह पर चलेंगे।

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15 अगस्त का हुई थी दोनों की मीटिंग

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात 15 अगस्त 2025 को हुई थी। अलास्का के एंकोरेज में जॉइंट बेस एलमेंडॉर्फ-रिचर्डसन में हुए शिखर सम्मेलन में दोनों राष्ट्राध्यक्षों की करीब ढाई से 3 घंटे बातचीत हुई, जिसमें मुख्य रूप से रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने बैठक को सकारात्मक बताया, लेकिन कोई ठोस समझौता नहीं हुआ या युद्धविराम पर भी बैठक में बात नहीं बनी।

बैठक ने पहले ट्रंप ने दी थी चेतावनी

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को बैठक से पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर वे यूक्रेन के साथ युद्धविराम के लिए सहमत नहीं हुए तो रूस को गंभीर परिणाम और कड़े प्रतिबंधन भुगतने होंगे। रूस के बिजनेस पार्टनर देशों पर भी ज्यादा टैरिफ लगाने की चेतावनी दी थी। साथ ही दावा किया था कि अगर वे राष्ट्रपति नहीं होते तो रूस अब तक पूरे यूक्रेन पर कब्जा कर लेता। वहीं पुतिन ने दावा किया कि अगर साल 2022 में राष्ट्रपति ट्रंप सत्ता में होते तो शायद यूक्रेन से युद्ध शुरू ही नहीं होता।

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पुतिन मॉस्को में चाहते हैं अगली बैठक

ट्रंप-पुतिन की अलास्का मीटिंग में दोनों पक्षों के वरिष्ठ सलाहकार शामिल थे, जिसमें अमेरिका की ओर से मार्को रुबियो और रूस की ओर से सर्गेई लावरोव प्रमुख थे। वहीं रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अगली बैठक मॉस्को में करने का प्रस्तावित दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपती ट्रंप ने संकेत दिया कि वे जेलेंस्की के साथ त्रिपक्षीय वार्ता करेंगे। वहीं जेलेंस्की ने अलास्का मीटिंग में शामिल नहीं करने पर नाराजगी जताई और कहा कि उनकी गैर-मौजूदगी में कोई समाधान होना संभव नहीं और उनकी मौजूदगी के बिना हुआ समाधान वे स्वीकार भी नहीं करेंगे।

पुतिन ने यूक्रेन से युद्ध को बताया त्रासदी

बता दें कि अलास्का में ट्रंप और पुतिन की मीटिंग का मकसद रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए बातचीत शुरू करना था। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अलास्का मीटिंग को दोनों देशों में शांति की दिशा में पहला कदम बताया था, जबकि पुतिन ने यूक्रेन के साथ युद्ध को त्रासदी कहा था। बैठक के बाद करीब 12 मिनट चली प्रेस कॉनफ्रेंस में राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि रूस के साथ कुछ मुद्दों पर सहमति बनी है, लेकिन यूक्रेन से युद्धविराम पर सहमति नहीं बन पाई, लेकिन पुतिन ने अगली शांति वार्ता मॉस्को में करने का प्रस्ताव दिया है।

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