चीनी शेयर बाजारों में हाल ही में तेजी दिखी। लेकिन इसके बावजूद चीनी इंडेक्स अभी-अभी एक दशक पहले एक नाटकीय बुलबुले के फटने के बाद के स्तरों पर लौट गए। अच्छा रिटर्न उपभोक्ताओं को खर्च करने के लिए प्रोत्साहित करता लेकिन कमजोर इक्विटी रिटर्न ने उन्हें बचत की ओर धकेला है। एक दशक पहले S&P 500 इंडेक्स में किया गया $10,000 का निवेश वर्तमान में तीन गुने से भी ज्यादा हो जाता। लेकिन चीन के CSI 300 बेंचमार्क में इतनी ही राशि का निवेश सिर्फ लगभग $3,000 जोड़ता।
चीन के स्टॉक मार्केट का साइज 11 लाख करोड़ डॉलर है। चीनी लोगों का कम खर्च करना और बचत ज्यादा करना सिरदर्द बना हुआ है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, चीन पर लंबे वक्त से नजर रखने वालों का कहना है कि इसका एक कारण स्ट्रक्चरल है। 35 साल पहले बनाए गए एक्सचेंजों पर निवेशकों को रिटर्न देने पर जोर नहीं दिया गया है। इसने कई समस्याओं को जन्म दिया है, जिनका चीनी शेयर बाजार पर लगातार असर पड़ रहा है।
5% आर्थिक वृद्धि के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए घरेलू खर्च पर भरोसा
देश के नेताओं पर इसे ठीक करने का दबाव है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग 5% आर्थिक वृद्धि के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए घरेलू खर्च पर भरोसा कर रहे हैं। खासकर तब, जब अमेरिका के साथ टैरिफ वॉर तेज हो रही है। चीन के पास पूंजी के स्रोत के रूप में बाजार की भूमिका को प्राथमिकता देने के कारण भी हैं। देश को अपनी तकनीकी महत्वाकांक्षाओं को आधार देने वाली कंपनियों को फंड करने के लिए मोटा पैसा चाहिए, फिर भले ही उनकी प्रॉफिटेबिलिटी पर सवालों के घेरे में हो।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन का पूंजी बाजार लंबे समय से फाइनेंसर्स के लिए स्वर्ग और निवेशकों के लिए नर्क रहा है। रेगुलेटर और एक्सचेंज हमेशा जानबूझकर या अनजाने में कारोबारों की फाइनेंसिंग के पक्ष में झुकते रहते हैं।
इस साल अब तक CSI 300 इंडेक्स 7% से भी कम बढ़ा
इस साल अब तक चीन के शेयर बाजार की चाल की बात करें तो CSI 300 इंडेक्स 7% से भी कम बढ़ा है। यह अमेरिका और यूरोप के बेंचमार्क से पीछे है। चीन में बचत दर असाधारण रूप से उच्च है। यह दर डिस्पोजेबल इनकम का 35% है। कुछ मायनों में, चीन के बाजार की यह दुर्दशा दशकों से बनी हुई है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, हालांकि पिछले एक साल में चीन की टॉप लीडरशिप ने वेल्थ क्रिएशन के एक साधन के रूप में शेयर बाजार के महत्व के बारे में अधिक जागरूकता दिखाई है। जानकारों का कहना है कि शेयर बाजार में उछाल के अलावा, घरेलू विश्वास बढ़ाने का कोई क्विक उपाय नहीं है।
नई लिस्टिंग में जबरदस्त वृद्धि
नई लिस्टिंग में जबरदस्त बढ़ोतरी ने चीन को 2022 में दुनिया का सबसे बड़ा IPO बाजार बना दिया। फिर भी, शेयरधारकों के लिए अपर्याप्त सुरक्षा उपायों और IPO धोखाधड़ी की ढीली निगरानी के कारण शेयर की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली। कंपनियों की डीलिस्टिंग भी हुई। लेकिन यह भी गौर करने वाली बात है कि हाल के वर्षों में खराब गुणवत्ता वाले IPO की जांच और वित्तीय धोखाधड़ी पर नकेल कसने के लिए प्रयास बढ़ाए गए हैं। लिस्टेड कंपनियों द्वारा अतिरिक्त स्टॉक जारी करने और प्रमुख स्टेकहोल्डर्स की ओर से शेयर बिक्री को कम करने पर भी जोर दिया जा रहा है। इतना ही नहीं निवेशकों को अधिक कॉरपोरेट प्रॉफिट ट्रांसफर करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। हालांकि, सुधार बाजार को निवेशकों की यील्ड को प्राथमिकता देने वाले बाजार में बदलने में नाकाम रहे हैं।
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