नई दिल्ली। एक तरफ चीन भारत से दोस्ती बढ़ाने के लिए विदेश मंत्री वांग यी भारत दौरे पर है और सीमा विवाद पर अजीत डोभाल से चर्चा करेंगे। दूसरी तरफ चीन ने पाकिस्तान को तीसरी हैंगर-क्लास सबमरीन सौंप दिया है। बढ़ती पनडुब्बी शक्ति के कारण पाकिस्तान खुश है। वहीं भारतीय महासागर में तनाव बढ़ने की संभावना बढ़ गई है।
सोमवार को दो दिवसीय दौड़ पर चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत आ रहे है। इस दौरान 24वीं स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव्स मीटिंग में हिस्सा लेंगे। यह बैठक भारत-चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों के बीच आयोजित की जाती है। वांग यी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच बैठक होगी। बैठक में मुख्य रूप से सीमा विवाद और द्विपक्षीय रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा होगी। वहीं दूसरी तरफ, चीन ने पाकिस्तान को तीसरी हैंगर-क्लास सबमरीन सौंप दी है। इससे भारतीय महासागर में पाकिस्तान की पनडुब्बी क्षमता बढ़ाने और क्षेत्रीय सैन्य संतुलन प्रभावित करने की दिशा में देखी जा रही हैं। नई दिल्ली इन सौंपियों पर बारीकी से नजर रखेगी, क्योंकि यह कदम भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिवसीय सैन्य तनाव के कुछ ही हफ्तों बाद आया है। यह क्षेत्रीय सुरक्षा और समुद्री शक्ति संतुलन पर सीधे असर डाल सकता है। चीनी सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के अनुसार तीसरी हैंगर-क्लास सबमरीन का लॉन्च समारोह वुहान, हूबेई प्रांत में गुरुवार को आयोजित किया गया। बता दे कि आठ में से दूसरी सबमरीन मार्च 2025 में पाकिस्तान को सौंप दी गई थी।
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समबरीन पर विशेषज्ञों ने दी राय
चीनी सैन्य विशेषज्ञ झांग जूनशे ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि हैंगर-क्लास सबमरीन अंडरवाटर लड़ाकू क्षमता, व्यापक सेंसर सिस्टम, उत्कृष्ट स्टील्थ विशेषताएं, उच्च गतिशीलता और प्रभावशाली हथियार प्रणाली के लिए जानी जाती हैं। वहीं लॉन्च समारोह में पाकिस्तान के डिप्टी चीफ ऑफ नेवल स्टाफ प्रोजेक्ट-2, वाइस एडमिरल अब्दुल समद ने कहा कि नई सबमरीन की उन्नत हथियार प्रणाली और सेंसर क्षेत्रीय शक्ति संतुलन बनाए रखने और समुद्री स्थिरता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार, चीन पाकिस्तान की सैन्य हार्डवेयर का 81 प्रतिशत से अधिक हिस्सा सप्लाई करता है। पिछले पांच वर्षों में पाकिस्तान को चीन से मिले मुख्य सैन्य उपकरणों में शामिल हैं।
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