Shri Krishna mandir in Amethi: भारत में कई ऐसे प्राचीन धार्मिक स्थल हैं, जिनके रहस्य और चमत्कार के आगे विज्ञान भी घुटने टेक देता है. ऐसा ही एक मंदिर है, जहां भोग में मिठाई, लड्डू, इमरती-जलेबी, बताशा, फल-फूल या पेड़ा नहीं बल्कि प्रसाद के रूप में दूध और बांस अर्पित किया जाता है.
इस मंदिर की मान्यता भगवान श्रीकृष्ण और नंद बाबा से जुड़ी हुई है.
मंदिर में चढ़ता है अनोखा प्रसाद
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिलेके नंदमहर गांव में स्थित इस मंदिर में दूर-दूर से भक्त भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन को आते हैं. मान्यता है कि द्वापर युग में श्रीकृष्ण और बाबा नंद इस गांव में आए थे और कुछ समय यहीं पर रहे थे.
ये आसपास के जनपद का पहला ऐसा मंदिर है, जहां प्रसाद के रूप में दूध और बांस अर्पित किया जाता है. मंदिर में दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए आते हैं. मंदिर के पूजारी के मुताबिक यदि कोई 5 मंगलवार लगातार सच्चे मन से बाबा के दर्शन करें तो सभी तरह के कष्ट, दुख और बीमारियों का नाश होता है.
हर मंगलवार मेले का आयोजन
मंदिर के पुजारी भारत नंद गिरी के मुताबिक यह मंदिर द्वापर युग के समय का ही है. यहां कुछ समय के लिए भगवान कृष्ण और नंद बाबा ने समय बिताया था. कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां बड़े मेले का आयोजन भी किया जाता है.
अमेठी के आसपास के 50 से ज्यादा जिले के लोग इस मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं. मंदिर के बाहर हर मंगलवार को बडे़ मेले का आयोजन किया जाता है.
यह मंदिर अपने चमत्कारों और रहस्यों से भरा है. माना जाता है कि यहां कोई राजनेता अपनी अर्जी लगाता है, तो उसकी अर्जी पूरी होती है. दूर-दूर से भक्त इस मंदिर के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं.
मंदिर में मौजूद हैं निशान
इस मंदिर परिसर में आज भी वह यज्ञशाला मौजूद है, जहा नंद बाबा और भगवान श्रीकृष्ण ने बैठकर एक साथ यज्ञ किया था. इसके साथ ही मंदिर में बजरंगबली, गणेशजी, दुर्गा मां, राधा-कृष्ण समेत अन्य छोटे-छोटे मंदिर भी मौजूद है.
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