Market trend : बाज़ार ने हाल की निगेटिव खबरों के असर को पचाया, तेजी के लिए बस एक अच्छे ट्रिगर की तलाश – market trend market has digested the impact of recent negative news just looking for a good trigger for the boom

Stock market : बाजार की आगे की दशा और दिशा पर बात करते हुए कोटक सिक्योरिटीज के तकनीकी रिसर्च वाइस प्रेसीडेंट अमोल अठावले ने कहा कि पिछले छोट हफ्ते में बेंचमार्क इंडेक्सों में जोरदार तेजी देखने को मिली। निफ्टी 1.1 फीसदी बढ़कर बंद हुआ,जबकि सेंसेक्स 748 अंक चढ़ा। विभिन्न सेक्टरों लगभग सभी अहम सेक्टोरल इंडेक्स पॉजिटिव दायरे में कारोबार करते दिखे। लेकिन फार्मा और हेल्थकेयर इंडेक्सों ने सबसे बेहतर प्रदर्शन किया और दोनों में 3 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई। वहीं, चुनिंदा एफएमसीजी और उपभोक्ता शेयरों में मुनाफावसूली देखी गई।

अमोल अठावले ने आगे कहा कि तकनीकी नजरिए से देखें तो डेली और इंट्राडे चार्ट पर,बाज़ार ने रिवर्सल पैटर्न बनाए हैं,जो काफी हद तक पॉजिटिव हैं। इसके अलावा, वीकली चार्ट पर एक बुलिश कैंडल बनी है जो निकट भविष्य में पुलबैक जारी रहने का संकेत है।

अमोल अठावले का मानना है कि 24,500/80300 का स्तर शॉर्ट टर्म ट्रेडरों के लिए एक अहम सपोर्ट जोन के रूप में कार्य करेगा। जब तक बाजार इस स्तर से ऊपर कारोबार करता रहेगा, तेजी का रुझान जारी रहने की संभावना है। ऊपरी स्तर पर, 24,700/80900 के आसपास तत्काल रेजिस्टेंस है। 24,700/80900 से ऊपर का कोई सफल ब्रेकआउट बाजार को 24,900-25,000/81500-81800 की ओर ले जा सकता है।

इसके विपरीत 24,500/80300 से नीचे जाने पर बाजार का मूड खराब हो सकता है। ऐसा होने पर इंडेक्स 24,350/79800 के आसपास के स्तरों को फिर से छू सकता है। इसके आगे भी गिरावट जारी रह सकती है, जिससे इंडेक्स 24,200-24,150/79300-79100 तक गिर सकता है।

रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा का कहना है कि मौजूदा कंसोलीडेशन से पता चलता है कि बाज़ार हाल की निगेटिव खबरों को काफी हद तक पचा चुका है और अब रिकवरी के लिए किसी ट्रिगर का इंतज़ार कर रहा है। इसके अलावा,विभिन्न सेक्टरों के दिग्गज शेयरों में ओवरसोल्ड पोजीशन रिकवरी की इस संभावना को और मज़बूत कर रही है। आगे चलकर अगर निफ्टी 24,800 के ऊपर एक निर्णायक ब्रेक आउट देने में कामयाब रहता है तो बाजार में नए सिरे से तेजी नजर आ सकती है। ऐसा न होने पर कंसोलीडेशन जारी रह सकता है। ट्रेडरों को रिस्क मैनेजमेंट पर फोकस करते हुए स्टॉक-स्पेसिफिक ट्रेडिंग नजरिया बनाए रखना चाहिए।

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