‘भारत और पाकिस्तान का युद्ध मैंने रुकवाया’, पुतिन से मीटिंग के बाद ट्रंप ने फिर लिया सीजफायर का क्रेडिट

अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत के बाद फॉक्स न्यूज से बातचीत में अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच  सीजफायर कराया. ट्रंप ने कहा कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच चल रही जंग के अलावा दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में 4 युद्ध रुकवाए. उन्होंने यह भी कहा कि – “मैं ईरान के परमाणु शस्त्रागार के विनाश को शामिल नहीं करना चाहता.”

भारत-पाकिस्तान के सीजफायर का बार-बार क्रेडिट ले रहे डोनाल्ड ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप 20 से अधिक मौकों पर यह दावा कर चुके हैं कि उन्होंने भारत पाकिस्तान के बीच चल रही जंग को रुकवाया. इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि 10 मई को उनकी मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान ने रातभर चली वार्ता के बाद तत्काल युद्धविराम पर सहमति जताई. उन्होंने यह भी दावा किया कि उस दौरान परमाणु टकराव का खतरा था. हालांकि भारत सरकार पहले ही ट्रंप के इस दावे को खारिज कर चुकी है.

5 युद्ध रुकवाने का दावा
ट्रंप ने कहा कि उन्होंने पांच बड़े संघर्ष खत्म कराए, जिनमें शामिल हैं:

भारत–पाकिस्तान संघर्ष

कांगो–रवांडा संघर्ष

थाईलैंड–कंबोडिया संघर्ष

इजराइल–ईरान तनाव

सर्बिया–कोसोवो संघर्ष

ट्रंप की सफाई और आलोचना

इससे पहले अगस्त की शुरुआत में ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट करते हुए ट्रंप ने रेडियो होस्ट चार्लमेन द गॉड की आलोचना की थी और कहा कि उन्हें उनके कामों की जानकारी ही नहीं है. ट्रंप ने कहा कि उन्होंने न सिर्फ युद्ध रोके बल्कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम और अमेरिका की खुली सीमा जैसे मुद्दों पर भी सख्त कदम उठाए.

भारत सरकार ने ट्रंप के दावे को को किया था खारिज

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पहले ही साफ किया था कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान किसी तीसरे देश ने हस्तक्षेप नहीं था. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप के बीच उस दौरान कोई फोन कॉल भी नहीं हुआ. जयशंकर ने यह भी कहा कि इस सैन्य कार्रवाई का व्यापार से कोई संबंध नहीं था.

ट्रंप ने कहा – व्यापार से रुकवाए युद्ध

ट्रंप ने न्यूजमैक्स पर दिए इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने कई युद्ध व्यापार की मदद से रुकवाए. उन्होंने कहा- “मैंने देशों से साफ कहा कि अगर वे लड़ाई जारी रखते हैं तो कोई व्यापार समझौता नहीं होगा और इसी दबाव के बाद संघर्ष रुक गया.”

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