भारी बारिश ने हिमाचल में लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. इसी बीच, शिमला में बारिश ने पेयजल योजनाओं को भारी नुकसान पहुंचाया है, जिसके चलते राजधानी शिमला में पेयजल संकट गहरा गया है. भारी बारिश के कारण परियोजनाओं में भारी गाद आ गई है. परिणामस्वरूप, परियोजनाओं से पानी की आपूर्ति ठप्प हो गई है.
शहरवासियों को अगले एक सप्ताह तक पानी की समस्या का सामना करना पड़ेगा, जिससे शहर की जनता की मुश्किलें बढ़ गई हैं. चाबा परियोजना को बारिश ने तहस-नहस कर दिया है. परियोजना में भारी गाद भर गई है, यहां तक कि पंपिंग स्टेशन डूब गया है.
पानी का स्तर साथ बने घरों तक पहुंच गया
गुम्मा के नौटी खड्ड में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, यहां पानी का स्तर साथ बने घरों तक पहुंच गया है. खड्ड का पानी सड़क तक पहुंचा है, जिससे सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है. पाइपलाइन को भी नुकसान पहुंचा है.
उधर, गिरी परियोजना के हालात भी खराब हैं. यहां बारिश के कारण गाद आ गई है, जिससे पानी की पंपिंग पूरी तरह से ठप्प है. इसके अलावा, अन्य पानी की परियोजनाओं में भी गाद आने से मुश्किलें पेश आ रही हैं. शहर में परियोजनाओं से शुक्रवार के दिन मात्र 6 MLD पानी की आपूर्ति हुई है, जो कि सामान्य दिनों के मुकाबले 36 MLD कम है.
कंपनी के कर्मचारी गाद हटाने में जुटे
शिमला शहर में हर दिन 40 से 42 MLD पानी की आपूर्ति विभिन्न परियोजनाओं से होती है. कंपनी के अनुसार, गिरी और गुम्मा परियोजना में गाद रोकने के लिए ट्यूब सेटलर लगाए गए हैं. लेकिन पानी में गाद इतनी ज्यादा है कि ये सभी फेल हो गए हैं.
भारी बारिश से गुम्मा और गिरी में गाद इतनी बढ़ रही है कि मलबा और पत्थर तक टैंकों में पहुंच रहे हैं. हालांकि, कंपनी के कर्मचारी गाद हटाने में जुटे हुए हैं. परियोजनाओं से गाद को साफ करवाया जा रहा है. लेकिन अगर भारी बारिश का दौर जारी रहा, तो लोगों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी.
लोगों ने कंपनी से बारिश के पानी का उपयोग करने की अपील की
शिमला में पेयजल व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. पहले ही कई क्षेत्रों में चौथे और पांचवें दिन पानी की सप्लाई मिल रही थी, जबकि वीवीआईपी क्षेत्रों में रोजाना पानी की सप्लाई दी जा रही थी.
लेकिन अब, पेयजल व्यवस्था डगमगाने के कारण लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. कंपनी ने लोगों से बारिश के पानी का उपयोग करने की अपील की है.
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