जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के एक रिमोट गांव में गुरुवार (14 अगस्त) को बादल फटने से भयावह आपदा आ गई. इस आपदा में अब तक 167 से ज्यादा लोगों को बचाया गया है. बचाए गए लोगों में से एक पिता अपनी 23 वर्षीय बेटी को ढूंढने के लिए बेचैन हैं, जो त्रासदी के बाद से लापता है. भारत भूषण और उनकी बेटी त्रासदी के समय मचैल माता मंदिर में पूजा करने गए थे.
भारत भूषण का कहना है कि वह केवल अपनी बेटी गहना रैना को ढूंढना चाहते हैं, उसके बारे में पता करना चाहते हैं. यह कहते हुए भारत भूषण के गले से आवाज नहीं निकल रही थी. उन्हें इलाज के लिए किश्तवाड़ जिला अस्पताल में लाया गया है.
167 लोगों को बचाया गया, 38 गंभीर हालत में
गुरुवार, 14 अगस्त को चोसिटी गांव में बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई, जिसमें दो CISF कर्मियों सहित कम से कम 46 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य फंस गए. चोसिटी गांव में रात होने के बावजूद अंधेर में भी बचावकर्मियों ने जी-जान लगाकर काम किया और मलबे से 167 लोगों को बाहर निकाला. इनमें से 38 की हालत गंभीर है. 50 से अधिक लोगों को किश्तवाड़ जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कई अपने प्रियजनों की तलाश में बेचैन हैं, जिनका अभी तक पता नहीं चल पाया है.
लोगों ने बताई आंखों-देखी
त्रासदी के समय वहां मौजूद लोगों ने बताया कि वह एक नदी के किनारे लंगर स्थल पर नाश्ते का इंतजार कर रहे थे, तभी कुछ लोग घबराहट में चिल्लाने लगे और सभी से सुरक्षित स्थान पर भागने को कहने लगे. अचानक पानी का तेज बहाव आया. साथ में पत्थर और पेड़ भी आ गए, जिससे सब कुछ दब गया.
गणेश नाम के एक श्रद्धालु ने कहा कि वह भाग्यशाली थे कि बच गए. वह दो बड़े पत्थरों के बीच फंस गया था. उन्होंने बताया कि लंगर स्थल लोगों से भरा हुआ था. कुछ लोग तीर्थयात्रा के लिए जा रहे थे और अन्य लोग मंदिर से वापस आ रहे थे. यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि मलबे के नीचे कितने लोग फंसे हुए थे.
लापता प्रियजनों को ढूंढने में लगे प्रभावित लोग
गुरुवार की रात तक करीब 10 लोग ने अपने परिजनों के लापता होने की शिकायत लेकर पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचे थे. बादल फटने के बाद आई बाढ़ से मलबे और उखड़े हुए पेड़ों के बीच वाहन खड़े हैं, जिससे तबाही का मंजर दिखाई दे रहा है. खराब मौसम की वजह से बचाव अभियान के लिए हेलीकॉप्टर की मदद लेना या घटनास्थल पर बचावकर्मियों को उतारना संभव नहीं हो सका.
उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा के नेतृत्व में जिला प्रशासन ने बचाव और राहत अभियान में तेजी लाने के लिए सभी संसाधन जुटाए. घटनास्थल पर पहुंचे शर्मा बचाव अभियान की निगरानी करते देखे गए. जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील शर्मा, जो स्थानीय विधायक भी हैं, घटनास्थल पर पहुंचे और पार्टी सहयोगी और किश्तवाड़ विधायक शगुन परिहार के साथ घायलों से मिले.
फिलहाल, मृतकों की पहचान की जा रही है, जिसके बाद कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी और शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा.
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