स्टॉक इनवेस्टर्स के लिए अच्छी खबर नहीं है। इंडियन मार्केट्स में और 5 फीसदी गिरावट आ सकती है। नरनोलिया फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट अफसर शैलेंद्र कुमार ने यह अनुमान जताया। उन्होंने कहा कि अगर टैरिफ को लेकर कोई निगेटिव खबर आती है तो मार्केट मौजूदा लेवल से और 5 फीसदी गिर सकता है। मनीकंट्रोल से बातचीत में उन्होंने इस बारे में विस्तार से बताया।
ग्रोथ के लिए सरकार कंजम्प्शन बढ़ाने के उपाय कर सकती है
कुमार ने कहा कि इंडिया की जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) पर भी असर पड़ सकता है। यह घटकर 6 फीसदी तक रह सकती है। आरबीआई सहित कई एजेंसियों ने जीडीपी की ग्रोथ 6.5 फीसदी के करीब रहने का अनुमान जताया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर टैरिफ को लेकर कोई समाधान निकल जाता है या घरेलू कंजम्प्शन बढ़ाने के लिए सरकार बड़े उपाय करती है तो जीडीपी की ग्रोथ अच्छी रह सकती है। ग्लोबल ग्रोथ में भी सुस्ती के संकेत है। यह आधा फीसदी गिरकर 2.5 फीसदी रह सकती है।
ग्लोबल इकोनॉमी की ग्रोथ 1960 के दशक के बाद सबसे कम रह सकती है
उन्होंने कहा कि अगर स्थिति ज्यादा नहीं बदलती है तो 1960 के दशक के बाद ग्लोबल ग्रोथ सबसे सुस्त रह सकती है। स्लोडाउन का असर कॉर्पोरेट अर्निंग्स पर भी दिख रहा है। अगर कुछ टेक्नोलॉजी और फाइनेंशियल कंपनियों को छोड़ दिया जाए तो डेवलपिंग इकोनॉमीज में ज्यादातर सेक्टर की ग्रोथ सिंगल डिजिट में है या निगेटिव ग्रोथ है।
ज्यादा एक्सपोर्ट करने वाली कंपनियों के शेयरों से दूर रहने में फायदा
कुमार ने कहा कि अभी की स्थिति के मद्देनजर इनवेस्टर्स को घरेलू कंजम्प्शन से जुड़ी कंपनियों के शेयरों पर फोकस करना चाहिए। एक्सपोर्ट पर आधारित कंपनियों के मुकाबले डोमेस्टिक फोकस्ड कंपनियां अट्रैक्टिव दिख रही हैं। ज्यादा एक्सपोर्ट करने वाली कंपनियां उस लेवल पर नहीं पहुंची है, जिसे अट्रैक्टिव कहा जा सकता है। हालांकि, उनका बिजनेस मॉडल स्ट्रॉन्ग है और बैलेंस शीट अच्छी हैं।
टैरिफ को लेकर अच्छी खबर नहीं आती है तो मार्केट और गिर सकता है
बाजार में और गिरावट की संभावनाओं के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि टैरिफ को लेकर निगेटिव खबरों की वजह से मार्केट और 5 फीसदी गिर सकता है। ऐसा लगता है कि निफ्टी अप्रैल की शुरुआत के निचले स्तर से ऊपर आ चुका है। हम तब के मुकाबले करीब 10 फीसदी ज्यादा ट्रेड देख रहे हैं। लेकिन, टैरिफ को लेकर निगेटिव खबर के आने पर मार्केट मौजूदा लेवल से 5 फीसदी तक फिसल सकता है।
सुस्त अर्निंग्स ग्रोथ की वजह से निफ्टी पर दबाव बना रह सकता है
उन्होंने कहा कि टैरिफ को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। अर्निंग्स ग्रोथ में भी सुस्ती दिखी है। इससे अगले छह महीनों में निफ्टी पर दबाव जारी रह सकता है। अमेरिकी टैरिफ को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता। अगर अमेरिका और रूस के बीच बातचीत सफल रहती है तो मार्केट को कुछ सपोर्ट मिल सकता है। अगर टैरिफ को लेकर स्थिति ऐसी ही बनी रहती है तो इंडिया में सरकार घरेलू कंजम्प्शन बढ़ाने के लिए फाइनेंशियल पैकेज का ऐलान कर सकती है।
डिफेंस, ऑटो शेयरों का आउटलुक स्ट्रॉन्ग
कुमार का कहना है कि डिफेंस, ऑटो और इंडस्ट्रियल सेक्टर्स का लॉन्ग टर्म आउटलुक अच्छा दिख रहा है। हालांकि, इनवेस्टर्स को सावधानी बरतने की जरूरत है। डिफेंस सेक्टर में वैल्यूएशन ज्यादा है। इंडस्ट्रियल सेक्टर्स में सेलेक्टिव होने की जरूरत है। इसके उलट कुछ ऑटो और ऑटो कंपोनेंट कंपनियों के स्टॉक्स करेंट प्राइसेज पर अट्रैक्टिव दिख रहे हैं।
Read More at hindi.moneycontrol.com