MCD ने अब तक 100 आवारा कुत्तों को उठाया, 25 टीमें एक्टिव, 85 एकड़ जमीन चिह्नित

दिल्ली नगर निगम ने आवारा कुत्तों को शेल्टर में भेजने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से अब तक 100 आवारा कुत्तों को उठाया है. शहर के 20 पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) केंद्रों को शेल्टर में परिवर्तित किया है. शहर के मेयर राजा इकबाल सिंह ने 13 अगस्त को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि निगम ने बाहरी दिल्ली में आवारा पशुओं को रखने के लिए 85 एकड़ जमीन भी चिह्नित की है.

राजा इकबाल सिंह कहा कि नगर निकाय ने और अधिक डॉग शेल्टर बनाने के लिए भूमि की तलाश शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि वह कोर्ट के निर्देश को चरणबद्ध तरीके से लागू करेंगे, जिसकी शुरुआत आक्रामक और रेबीज से संक्रमित कुत्तों से होगी.

‘दिल्लीवासियों को मिलेगी बड़ी राहत’

मेयर ने बताया कि निगम द्वारका स्थित एबीसी केंद्र का विस्तार करेगा, जबकि तीसरे चरण में घोगा डेरी की 85 एकड़ भूमि में बड़े शेल्टर स्थापित करने पर विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आवारा कुत्तों को शेल्टरों में स्थानांतरित करने के बाद दिल्लीवासियों को बड़ी राहत मिलेगी.

सुप्रीम कोर्टने सोमवार (11 अगस्त) को आदेश दिया कि दिल्ली-एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों को आठ सप्ताह के भीतर सड़कों से उठाकर उपयुक्त प्राधिकारियों द्वारा बनाए जाने वाले शेल्टरों में स्थानांतरित किया जाए. न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने कहा कि आवारा कुत्तों के काटने विशेषकर बच्चों को काटने से रेबीज की समस्या की स्थिति उत्पन्न बहुत गंभीर है.

पहले रेबीज से संक्रमित कुत्ते उठाए जाएंगे

मेयर ने कहा, ‘‘हमने लोगों को आश्वासन दिया था कि हम आदेश का 100 प्रतिशत पालन करेंगे. हमें निवासियों से लगातार फोन आ रहे हैं और अब तक 100 आवारा कुत्तों को पकड़ा जा चुका है.’’ उन्होंने बताया कि पहले चरण में केवल उन कुत्तों को ही पकड़ा जाएगा जो आक्रामक, रेबीज से संक्रमित या बीमार हैं.

सिंह ने बताया कि वर्तमान में निगम के पास 20 एबीसी केंद्र हैं, जिन्हें पकड़े गए कुत्तों को रखने के लिए शेल्टरों में परिवर्तित किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं ताकि कुत्तों को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े.’’

शेल्टर स्थापित करने पर किया जाएगा विचार

मेयर के मुताबिक अगले चरण में नगर निकाय द्वारका में एबीसी केंद्र का विस्तार करने की योजना बना रहा है, जबकि तीसरे चरण में घोगा डेरी में बड़े शेल्टर स्थापित करने पर विचार किया जाएगा. सिंह ने कुत्तों को शेल्टर में रखने के लिए भूमि और धन की उपलब्धता के बारे में कहा कि इनमें से किसी की भी कमी नहीं है और वित्तपोषण कोई मुद्दा नहीं होगा.

उन्होंने कहा, ‘‘यह जनता की सरकार है और यह हमारी प्राथमिकता है क्योंकि निवासी लंबे समय से समस्याओं का सामना कर रहे हैं. अब हमारे पास संसाधन हैं और हम योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहे हैं.’’ सिंह के मुताबिक वर्तमान में 25 टीम पूरे शहर में काम कर रही हैं और निवासियों के कॉल का जवाब दे रही हैं. उन्होंने बताया कि निगम जल्द ही आवारा कुत्तों से संबंधित शिकायतें दर्ज कराने के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन शुरू करेगी.

Read More at www.abplive.com