मार्केट रेगुलेटर SEBI अगले 7-10 दिनों में ब्रोकर्स के लिए नया पेनाल्टी स्ट्रक्चर लागू करने जा रहा है. इस बदलाव से ब्रोकर्स को तकनीकी गड़बड़ियों और छोटी गलतियों पर बड़ी राहत मिलेगी. नई व्यवस्था में कई ऐसे नियम शामिल हैं, जो ब्रोकर्स का बोझ कम करेंगे और पेनाल्टी सिस्टम को ज्यादा पारदर्शी बनाएंगे.
छोटी गलतियों पर अब ‘Penalty’ नहीं
SEBI ने तय किया है कि ब्रोकर्स की छोटी और मामूली गलतियों को अब ‘Penalty’ के तौर पर नहीं देखा जाएगा. इसके बजाय इन्हें ‘Financial Discrepancy’ यानी वित्तीय असंगति कहा जाएगा. इसका मतलब है कि मामूली चूक पर अब भारी जुर्माना नहीं लगेगा.
तकनीकी गड़बड़ियों पर राहत
अक्सर मार्केट में ऑर्डर प्रोसेसिंग या सिस्टम एरर जैसी तकनीकी गड़बड़ियों (Technical Glitches) के कारण ब्रोकर्स पर पेनाल्टी लग जाती थी. नए नियमों के तहत ऐसी तकनीकी समस्याओं पर पेनाल्टी में बड़ी कटौती की जाएगी, जिससे ब्रोकर्स पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ेगा.
‘One Event, One Penalty’ नियम
SEBI का नया स्ट्रक्चर कहता है कि अगर कोई गलती एक बार हो जाती है, तो उसके लिए सिर्फ एक बार पेनाल्टी लगेगी. यानी एक ही घटना के लिए अलग-अलग एक्सचेंजों से बार-बार जुर्माना नहीं भरना पड़ेगा.
पहला पकड़ने वाला एक्सचेंज ही लगाएगा जुर्माना
अब किसी गलती को सबसे पहले पकड़ने वाला एक्सचेंज ही पेनाल्टी लगाएगा. बाकी एक्सचेंज उसी गलती के लिए अलग से जुर्माना नहीं लगाएंगे. इससे ब्रोकर्स के ऊपर डुप्लीकेट पेनाल्टी का बोझ खत्म होगा.
समान गलती पर समान जुर्माना
SEBI यह भी सुनिश्चित करेगा कि एक ही तरह की गलती पर सभी एक्सचेंजों में जुर्माना राशि एक जैसी हो. साथ ही, जुर्माने की राशि भी कम की जाएगी, जिससे ब्रोकर्स को आर्थिक राहत मिलेगी.
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