Russian Oil Exports: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ का असर कई देशों में दिख रहा है। भारत पर ट्रंप ने 50 फीसदी टैरिफ का ऐलान किया। इसके बाद रिपोर्ट सामने आई कि सूरत के व्यापारियों को इससे नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इसका असर केवल भारत ही नहीं कई देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाला है। दरअसल, एक रिपोर्ट आई है, जिसमें बताया गया कि अगर रूस से तेल का निर्यात रोका गया तो इससे दुनिया की अर्थव्यवस्था को लेकर खतरा बढ़ सकता है।
भारत के लिए कितना खतरा?
बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट सामने आई है जिसमें बताया गया कि भारत पर इसका असर कम ही रहेगा। अगर तेल का निर्यात रोका जाता है तो भारत पर इसका सालाना असर 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक होगा। भारत के लिए ये ऐसा आंकड़ा है जिसे मैनेज किया जा सकता है। पिछले कुछ सालों में देखा जाए तो कच्चे तेल के सोर्स पैटर्न में बदलाव देखा गया है। 2021-22 में तेल आयात के मामले में रूस की हिस्सेदारी बहुत कम थी।
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दुनिया पर क्या पड़ेगा असर?
रूस से दुनियाभर में करीब 10 फीसदी तक तेल भेजा जाता है। एएनआई की रिपोर्ट में बताया गया कि अगर पूरी तरह से रूस से तेल निर्यात को रोक दिया जाए तो इससे ग्लोबल प्राइज 80 प्रति बैरल से ऊपर पहुंच सकता है। दुनिया में हालात तब तक रहेंगे जब तक कोई दूसरा रास्ता नहीं मिल जाता है। इसका प्रभाव ऐसा होगा कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्थाएं खतरे में पड़ सकती हैं।
कौन सा देश कितने में बेच रहा तेल?
जून 2025 में एक रिपोर्ट सामने आई। इसमें बताया गया कि भारत के लिए एवरोज इंपोर्ट प्राइस करीब 69 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल था। वहीं, नाइजीरिया कुवैत, ब्राजील रूस, और इराक 70 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से कम प्राइस में बेच रहे थे। इसके अलावा, कुवैत और इराक ने सबसे कम कीमत पर तेल की कीमत रखी थीं।
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