बाजार में कंसोलिडेशन का दबाव! FII सेलिंग और यूएस टैरिफ से मार्केट इस हफ्ते 0.9% गिरा Stock Markets: मार्केट एक्सपर्ट्स ने कहा कि भारतीय इक्विटी बाजार में जुलाई की शुरुआत से चल रहा ट्रेंड एक और हफ्ते जारी रहा और मार्केट कंसोलिडेशन जोन में बंद हुआ.

Stock Markets: भारतीय शेयर बाजार में यूएस टैरिफ (US Tariff) और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली के कारण इस हफ्ते गिरावट देखने को मिली. इस दौरान सेंसेक्स 0.9% फिसल गया और निफ्टी की स्थिति भी करीब यही रही और यह 24,400 के महत्वपूर्ण सपोर्ट से नीचे गिरकर 24,363 पर बंद हुआ.

मार्केट कंसोलिडेशन जोन में बंद

मार्केट एक्सपर्ट्स ने कहा कि भारतीय इक्विटी बाजार में जुलाई की शुरुआत से चल रहा ट्रेंड एक और हफ्ते जारी रहा और मार्केट कंसोलिडेशन जोन में बंद हुआ. इसकी वजह वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों को लेकर चिंता बढ़ना, कमजोर ग्लोबल संकेत, यूएस टैरिफ, एफआईआई की बिकवाली और बाजार में लगातार आ रही प्रॉफिट बुकिंग रही.

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FY26 के महंगाई का अनुमान घटाया

इस हफ्ते भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने अनुकूल मानसून और बेहतर आपूर्ति का हवाला देते हुए वित्त वर्ष 26 के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को 3.7% से घटाकर 3.1% कर दिया.

GDP ग्रोथ अनुमान बरकरार

वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं के बीच तटस्थ रुख बनाए रखते हुए, केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को 5.5% पर अपरिवर्तित रखा और वित्त वर्ष 26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) ग्रोथ अनुमान को भी 6.5% पर बनाए रखा.

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ट्रंप टैरिफ का इकोनॉमी पर कम से कम प्रभाव

7 अगस्त से अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर 25% टैरिफ लगाया है. हालांकि, आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि टैरिफ का भारत की अर्थव्यवस्था पर न्यूनतम प्रभाव पड़ेगा.

रुपये में कमजोरी से निवेशकों की चिंता बढ़ी

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, अमेरिका में टैरिफ दरों में भारी बढ़ोतरी और कमजोर तिमाही आय को लेकर चिंताओं ने बाजार के विश्वास को कम किया है. विशेष रूप से अमेरिका में महत्वपूर्ण निवेश वाले फार्मा शेयरों (Pharma Stocks) में एफआईआई द्वारा लगातार बिकवाली इस सतर्क दृष्टिकोण को दिखाती है. भारतीय रुपए के निरंतर अवमूल्यन ने भी निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है.

नायर ने कहा कि इन विपरीत परिस्थितियों के बावजूद, आरबीआई द्वारा व्यापक आर्थिक स्थिरता की पुष्टि, घरेलू विकास पर उसके आशावादी रुख और मुद्रास्फीति में कमी के शुरुआती संकेतों से नकारात्मक जोखिम आंशिक रूप से कम हो गया है.

उन्होंने आगे कहा कि बाजार में अस्थिरता बनी रहने की उम्मीद है और निवेशक भारत और अमेरिका से आने वाले मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर नजर रख रहे हैं.

लगातार बिकवाली के दबाव का संकेत

चॉइस इक्विटी ब्रोकिंग के मंदार भोजने ने कहा, निफ्टी ने वीकली चार्ट पर लगातार 6 लाल कैंडल बनाए, जो एक असामान्य पैटर्न है जो लगातार बिकवाली के दबाव का संकेत देता है. इंडेक्स के 24,200-24,000 के सपोर्ट जोन के आसपास कोई भी उलटफेर खरीदारी का अवसर हो सकता है. 

अक्सर पूछे जाने वाला सवाल- FAQs

 

Q1.  इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में गिरावट क्यों आई?

Ans: इस हफ्ते बाजार में गिरावट के पीछे कई कारण रहे, जैसे- अमेरिका द्वारा टैरिफ में बढ़ोतरी, FII की भारी बिकवाली, ग्लोबल ब्याज दरों को लेकर चिंता, कमजोर अंतरराष्ट्रीय संकेत और बाजार में प्रॉफिट बुकिंग का सिलसिला.

Q2. सेंसेक्स और निफ्टी में कितनी गिरावट आई?

Ans: सेंसेक्स और निफ्टी में 1-1 फीसदी की गिरावट आई.

Q3. बाजार किस स्थिति में है- गिरावट, तेजी या कंसोलिडेशन?

Ans: फिलहाल भारतीय शेयर बाजार कंसोलिडेशन जोन में है.

Q4. अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का भारत पर क्या असर होगा?

Ans: अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर 25% टैरिफ लगाया है, लेकिन आरबीआई के अनुसार इसका भारत की अर्थव्यवस्था पर न्यूनतम प्रभाव पड़ेगा.

Q5. FII की बिकवाली किस सेक्टर को सबसे ज्यादा प्रभावित कर रही है?

Ans: फार्मा सेक्टर में सबसे ज्यादा एफआईआई बिकवाली देखी गई है, खासतौर पर उन कंपनियों में जिनका अमेरिकी बाजार में बड़ा निवेश है.

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