अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ को लेकर जारी तनाव के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बड़ा बयान दिया है. नेतन्याहू ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से निपटने के लिए कुछ सलाह देंगे. हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह पीएम मोदी को सलाह निजी तौर पर देंगे क्योंकि पीएम मोदी और ट्रंप दोनों ही उनके करीबी दोस्त हैं.
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मेरे बेहद करीबी दोस्त हैं. मैं पीएम मोदी को ट्रंप से निपटने के लिए कुछ सलाह दूंगा, लेकिन यह बिल्कुल निजी तौर से होगा.” हालांकि, इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि वह जल्द से जल्द भारत की यात्रा करना चाहेंगे.
भारत और अमेरिका के रिश्ते पर बोले इजरायली पीएम नेतन्याहू
पीएम नेतन्याहू ने भारत और अमेरिका के बीच के संबंधों की नींव को बहुत मजबूत बताया है और दोनों देशों से टैरिफ को लेकर जारी विवाद का जल्द से जल्द समाधान करने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा, “दोनों देशों के संबंधों की नींव बहुत मजबूत है. भारत और अमेरिका के लिए एक साझा समाधान ढूंढना चाहिए और इस टैरिफ विवाद का जल्द निपटारा करना ही उनके हित में होगा और ऐसा ही कोई समाधान इजरायल के लिए भी अच्छा होगा, क्योंकि यह दोनों देश हमारे दोस्त हैं.”
ट्रंप ने भारत पर लगाया 50 परसेंट का अतिरिक्त टैरिफ
उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से निर्यात होने वाले सामानों पर 25 परसेंट का अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जिसे उन्होंने रूस से कच्चा तेल आयात करने की सजा के तौर लगाया था. हालांकि, रूस से आयात जारी रखने के बाद ट्रंप ने 25 परसेंट के टैरिफ को दोगुना कर भारत पर 50 परसेंट अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है. ब्राजील को छोड़कर भारत पर लगाया गया टैरिफ ट्रंप के हाल ही में की गई टैरिफ घोषणा में अन्य देशों के मुकाबले सबसे ज्यादा है.
ट्रंप के टैरिफ पर प्रधानमंत्री मोदी का जवाब
हालांकि, भारत ने अमेरिका और ट्रंप की ओर से उठाए गए कदम की निंदा करते हुए इसे गलत, अन्यायपूर्ण और अव्यावहारिक करार दिया है. अमेरिका का यह कदम भारत के कपड़ा और समुद्री निर्यात जैसे कई क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर एक कड़ा संदेश दिया है. उन्होंने कहा, “भारत कभी भी अपने किसानों और मछुआरों के हितों से समझौता नहीं करेगा. हमें पता है कि इसके लिए हमें कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन हम देश के किसानों के लिए ऐसा करने को पूरी तरह से तैयार हैं.”
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