अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर रूसी कच्चे तेल के आयात के हवाला देते हुए 50 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाया है. हालांकि, ट्रंप के उठाए इस कदम के बाद अमेरिका के राजनीतिक हलकों में इसकी लगातार आलोचना हो रही है.
अमेरिका के पूर्व उप विदेश मंत्री कर्ट कैंपबेल ने सीएनबीसी इंटरनेशनल को दिए इंटरव्यू में ट्रंप के भारत पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ की आलोचना की. उन्होंने कहा कि इस टैरिफ के कारण अमेरिका और भारत के संबंध अब खतरे में हैं.
उन्होंने कहा, “21वीं सदी में अमेरिका का सबसे महत्वपूर्ण रिश्ता भारत के साथ ही है और अब यह रिश्ता ज्यादातर खतरे में है. राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत और प्रधानमंत्री मोदी के बारे में जिस तरह बात की है, उसने भारतीय सरकार को एक मुश्किल स्थिति में डाल दिया है.”
पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री ने पीएम मोदी को दी सलाह
कैंपबेल ने भारत को सलाह देते हुए कहा, “प्रधानमंत्री मोदी को राष्ट्रपति ट्रंप के सामने बिल्कुल भी नहीं झुकना चाहिए.” उन्होंने यह भी कहा, “अमेरिका का रूस के साथ भारत के रिश्ते पर दबाव डालने का उल्टा असर डाल सकता है. अगर आप भारत से कहेंगे कि रूस के साथ अपने रिश्तों को छोड़ दें तो भारत के रणनीतिकार ठीक इसका उल्टा ही करेंगे.”
कैंपबेल ने इस बात पर जोर देते हुए कहा, “21वीं सदी में अमेरिका के लिए तकनीक, शिक्षा और सैन्य सहयोग के क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण रिश्ता अमेरिका और भारत के बीच का है और अब यह खतरे में है.”
अमेरिका के विदेश विभाग ने बयान में क्या कहा था?
अमेरिका के विदेश विभाग ने गुरुवार (7 अगस्त, 2025) को एक बयान जारी कर कहा, “भारत एक रणनीतिक साझेदार है और अमेरिका भारत के साथ स्पष्ट रूप से और खुली बातचीत कर रहा है. भले ही टैरिफ विवाद के बीच दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बना हुआ है. इसके पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था, “भारत के साथ तब तक कोई व्यापारिक बातचीत नहीं होगी, जब तक इस टैरिफ विवाद का समाधान नहीं हो जाता है.”
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