Gold-Silver Price Today: त्योहारी सीजन और शादियों की तैयारियों के बीच सराफा बाजार से एक बहुत बड़ी खबर आ रही है, जिसने खरीदारों और निवेशकों, दोनों की धड़कनें बढ़ा दी हैं. सोना एक बार फिर आसमान छू रहा है और इसकी कीमत ₹1.01 लाख प्रति 10 ग्राम के मनोवैज्ञानिक स्तर के बिल्कुल करीब पहुंच गई है. शुक्रवार को सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला, वहीं दूसरी ओर चांदी की चमक थोड़ी फीकी पड़ गई.
अगर आप भी सोना खरीदने या उसमें निवेश करने की सोच रहे हैं, तो यह जानना आपके लिए बहुत जरूरी है कि आखिर कीमतों में यह भूचाल क्यों आ रहा है और आने वाले दिनों में क्या हो सकता है.
आज क्या है सोने-चांदी का भाव?
इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) द्वारा जारी किए गए आधिकारिक रेट्स के अनुसार, कीमतों में मिलाजुला रुख देखने को मिला है.
24 कैरेट सोना (सबसे शुद्ध): ₹239 की तेजी के साथ ₹1,00,942 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है.
22 कैरेट सोना (गहनों के लिए): इसका भाव बढ़कर ₹92,463 प्रति 10 ग्राम हो गया है.
18 कैरेट सोना: इसकी कीमत भी बढ़कर ₹75,707 प्रति 10 ग्राम हो गई है.
चांदी: सोने के बिल्कुल उलट, चांदी की कीमत में ₹518 की गिरावट आई है, और यह ₹1,14,732 प्रति किलोग्राम पर आ गई है.
(ध्यान दें: यह IBJA द्वारा जारी हाजिर बाजार की कीमतें हैं. जब आप गहने खरीदने जाते हैं, तो इसमें GST और मेकिंग चार्ज अलग से जुड़ता है.)
क्यों रॉकेट बना सोना, और क्यों फिसली चांदी? एक्सपर्ट से समझें
कीमतों में इस उतार-चढ़ाव के पीछे कुछ बड़े राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कारण हैं. एलकेपी सिक्योरिटीज के विशेषज्ञ जतिन त्रिवेदी ने इसके पीछे की वजहों को समझाया है:
1. कमजोर रुपया, महंगा सोना
यह सबसे बड़ा और सीधा कारण है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत डॉलर में तय होती है. जब डॉलर के मुकाबले हमारा रुपया कमजोर होता है, तो हमें उसी सोने को खरीदने के लिए ज्यादा रुपये खर्च करने पड़ते हैं. फिलहाल रुपया थोड़ा कमजोर चल रहा है, जिसका सीधा सपोर्ट सोने की घरेलू कीमतों को मिल रहा है.
2. ट्रंप का ‘टैरिफ’ और दुनिया भर की टेंशन
जब भी दुनिया में कोई बड़ी अनिश्चितता या टेंशन का माहौल बनता है (जैसे अमेरिका और भारत के बीच ट्रंप के टैरिफ को लेकर चल रही खींचतान), तो बड़े-बड़े निवेशक घबरा जाते हैं. वे अपना पैसा शेयर बाजार जैसे जोखिम भरे निवेशों से निकालकर किसी सुरक्षित जगह लगाना चाहते हैं. और सोने को दुनिया का सबसे सुरक्षित निवेश यानी ‘सेफ हेवन’ माना जाता है. इसी डर के माहौल में सोने की मांग बढ़ जाती है और कीमतें आसमान छूने लगती हैं.
3. चांदी क्यों हुई सस्ती?
सोने के विपरीत, चांदी सिर्फ एक कीमती धातु ही नहीं है, बल्कि यह एक औद्योगिक धातु (Industrial Metal) भी है. इसका इस्तेमाल सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक गाड़ियों और कई इलेक्ट्रॉनिक चीजों में होता है. जब दुनिया में आर्थिक मंदी या ट्रेड वॉर की आशंका होती है, तो उद्योगों की रफ्तार धीमी पड़ने का डर होता है. इससे चांदी की औद्योगिक मांग कम हो जाती है, जिसका असर उसकी कीमतों पर पड़ता है और वे गिर जाती हैं.
निवेश का ‘सोना’: इस साल दिया 32% से ज्यादा का बंपर रिटर्न
इस साल सोने ने निवेशकों को मालामाल कर दिया है. 1 जनवरी, 2025 को 24 कैरेट सोने का भाव ₹76,162 था. आज यह ₹1,00,942 पर है. यानी, सिर्फ 8 महीनों में सोने ने ₹24,780 प्रति 10 ग्राम या 32.53% का शानदार रिटर्न दिया है. यह रिटर्न बैंक FD या कई दूसरी स्कीम्स से कई गुना ज्यादा है. चांदी ने भी इस साल अब तक 33.38% का जबरदस्त रिटर्न दिया है.
अब क्या करें? खरीदें, बेचें या इंतजार करें?
यह सबसे बड़ा सवाल है. एक्सपर्ट जतिन त्रिवेदी का मानना है कि आने वाले समय में कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा. उन्होंने अनुमान जताया है कि सोना ₹1,00,000 से ₹1,02,500 के बीच कारोबार कर सकता है.
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