गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के अधूरे भवन का राष्ट्रपति से उद्घाटन कराने व भ्रष्टाचार के आरोपों की हो उच्चस्तरीय जांच : अमिताभ ठाकुर

लखनऊ। आजाद अधिकार सेना (Azad Adhikar Sena) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) ने रविवार को पार्टी कार्यालय पर प्रेस वार्ता कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के ड्रीम प्रोजेक्ट गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, गोरखपुर (Guru Gorakhnath Ayush University, Gorakhpur) में गंभीर अनियमितता और भ्रष्टाचार के संबंध में उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना का उद्घाटन भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President of India Draupadi Murmu) के हाथों 01 जुलाई 2025 को किया गया। इस संबंध में राष्ट्रपति कार्यालय (President’s Office) से जारी प्रेस रिलीज में अन्य चीजों के साथ ऑडिटोरियम के उद्घाटन की बात भी कही गई।

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इसके विपरीत पीडब्ल्यूडी विभाग के प्रमुख अभियंता (परियोजना) विजय कनौजिया के 19 जुलाई 2025 के पत्र और उसके साथ संलग्न 12 पृष्ठों के भ्रमण आख्या तथा तस्वीरों से यह पूरी तरह स्पष्ट हो जाता है कि ऑडिटोरियम सहित इस परियोजना के तमाम काम आज तक अधूरे हैं। इसके साथ ही प्रमुख अभियंता के भ्रमण नोट में छः दर्जन से अधिक अनियमितता और भ्रष्टाचार के तथ्य अंकित हैं। यह भी स्पष्ट है कि जो परियोजना जुलाई 2023 में पूर्ण हो जानी थी, वह अब तक पूरी नहीं हुई है। साथ ही इस भ्रमण नोट में तमाम बिन्दुओं पर निम्नस्तरीय सामग्री के उपयोग, निम्नस्तरीय कार्य, आधे-अधूरे काम सहित भ्रष्टाचार और अनियमितता के कई तथ्य एवं आरोप अंकित हैं।

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Evidence in Guru Gorakhnath matter

इसके अतिरिक्त इस कार्य हेतु बंगलुरु के विजय निर्माण कंपनी प्राइवेट लि, जिसमें कंपनी वेबसाइट के अनुसार एक लम्बे समय से कोई निदेशक तक नहीं हैं, का चयन भी स्पष्ट रूप से विवादित है।

अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur)  ने कहा कि स्वयं मुख्यमंत्री के गृह जनपद में उनके लगातार व्यक्तिगत पर्यवेक्षक वाली परियोजना एक लगभग अज्ञात कंपनी को दिया जाना और उस कंपनी द्वारा इस प्रकार की भारी लेटलतीफी और भ्रष्टाचार की स्थिति अत्यंत गंभीर है। उन्होंने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से देरी और भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करें। इनके लिए ठेकेदार तथा परियोजना कंसलटेंट से नियमानुसार वसूली कराये जाने की मांग की है।

साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को पत्र भेजकर उन्हें पूरी जानकारी दिए बिना उनसे अधूरे भवन का उद्घाटन कराए जाने के संबंध में उत्तरदायित्व निर्धारित कराए जाने की मांग भी की है।

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