अक्षय कुमार की फिल्में क्यों हो रहीं फ्लॉप? फिल्म मेकर सुनील दर्शन ने बता दी असल वजह

बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार ने बीते कुछ सालों में लगातार कई फ्लॉप फिल्में दीं. 2024 में उनकी तीन फिल्में रिलीज हुईं और तीनों फ्लॉप हो गईं. इस साल भी अब तक उनकी दो फिल्में ‘स्काई फोर्स’ और ‘केसरी चैप्टर 2’ रिलीज हो चुकी हैं जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं किया. ऐसे में अब फिल्म मेकर सुनील दर्शन ने अक्षय कुमार की फिल्में फ्लॉप होने की असल वजह बता दी है.

विक्की लालवानी को दिए हालिया इंटरव्यू में सुनील दर्शन ने कहा- ‘अक्षय जब इंडस्ट्री में आए थे, तब वो एक हैंडसम लड़के थे. अपने करियर के शुरुआती दौर में, जो आठ साल तक चला, उन्हें कुछ पहचान मिली और कुछ तरक्की भी मिली. फिर एक ऐसा दौर आया जब उनकी लगातार 13-14 फिल्में फ्लॉप हो गईं, चाहे वे किसी बड़े डायरेक्टर ने बनाई गई हों या नहीं.’



‘वो प्रोजेक्ट चुनते समय कोई समझदारी नहीं दिखाते’
सुनील दर्शन ने आगे कहा- ‘अक्षय मिथुन चक्रवर्ती जैसे हैं, वो बिना डायरेक्टर की राय लिए एक के बाद एक फिल्में साइन करते जाते हैं. मुझे लगता है कि अपने दूसरे दौर में, फिल्में साइन करने और काम करने की इसी बेचैनी को वजह से उन्होंने अपनी क्रेडिबिलिटी खो दी. अक्षय ने इंडिविजुअल लेवल पर अच्छा परफॉर्म किया है. बस बात ये है कि वो प्रोजेक्ट चुनते समय कोई समझदारी नहीं दिखाते. जानवर के दौरान, मुझे अक्षय कुमार की जरूरत नहीं थी, क्योंकि मेरे पास बहुत सारे एक्टर्स इंतजार कर रहे थे जो चाहते थे कि मैं उन्हें साइन करूं.

फिल्म मेकर ने कहा- ‘मुझे लगता है कि दो चीजें उनके लिए कारगर रहीं और यही वजह थी कि मैंने उन्हें साइन किया. एक तो वो बहुत हैंडसम हैं और दूसरा वो बहुत अनुशासित हैं. मुझे लगा कि उनमें वो सारी काबिलियत हैं और वो हमेशा डायरेक्टर और उनके विजन के आगे पूरी तरह से डेडीकेटेड रहने के लिए तैयार रहते थे.’

टेलीप्रॉम्पटर देखकर डायलॉग बोलते हैं अक्षय कुमार?

सुनील दर्शन ने आगे खुलासा किया कि अक्षय कुमार को स्क्रिप्ट की लाइंस याद नहीं रहती. ऐसे में वो प्लेकार्ड्स की मदद से डायलॉग बोलते रहे हैं. सुनील ने कहा- ‘अगर कोई एक्टर अपने डायलॉग याद कर लेता है तो ये बहुत अच्छी बात है, लेकिन उसके लिए डायलॉग के पूरे पन्ने याद रखना हमेशा मुश्किल रहा है. शुरुआत में तो किसी तरह से काम चला लिया क्योंकि तब वो कम काम करता था, लेकिन बाद के सालों में जब हम साथ काम करने लगे तो उसे थोड़ी दिक्कत हुई. हम उसके लिए पढ़ने के लिए प्लेकार्ड रखते थे और वो ऐसा करने वाला पहला इंसान नहीं है.’

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