नई दिल्ली। भारत की नागरिकता छोड़ने का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। राज्यसभा (Rajya Sabha) में भारतीय नागरिकता (Indian Citizenship) त्यागने के मामले में गुरुवार को विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह (Minister of State Kirti Vardhan Singh) ने चौंकाने वाला आंकड़ा पेश किया है। उन्होंने बताया कि बीते 6 साल में 10 लाख से ज्यादा लोग देश छोड़कर चले गए हैं। विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने बताया कि पिछले साल यानी 2024 में 2 लाख से ज्यादा भारतीय ने अपनी नागरिकता (Indian Citizenship) छोड़ चुके हैं।
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विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) के आंकड़ों के अनुसार साल 2023 से 2024 तक लगभग 4 लाख 23 हजार लोगों ने भारतीय नागरिकता (Indian Citizenship) छोड़ दी। राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह (Minister of State Kirti Vardhan Singh) ने बताया कि कोरोना काल के दौरान सिटिजनशिप (Citizenship) छोड़ने वालों की संख्या में कमी आई थी, लेकिन बाद में फिर नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है। सिर्फ साल 2020 ऐसा था, जिसमें भारत की नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या सबसे कम रही है।
किस साल में कितने लोगों ने छोड़ी नागरिकता?
2019: 1,44,017
2020: 85,256
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2021: 1,63,370
2022: 2,25,625
2023: 2,16,219
2024: 2,06,378
2014 से पहले कितने भारतीयों छोड़ी नागरिकता?
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नागरिकता छोड़ने को लेकर विपक्ष सरकार पर लगातार हमलावर रहा है। विपक्ष का आरोप है कि 2014 में बीजेपी सरकार के आने के बाद से भारतीय लोग देश की नागरिकता ज्यादा छोड़ने लगे हैं। क्योंकि कांग्रेस सरकार में दौरान इंडियन सिटिजनशिप छोड़ने वालों की संख्या कभी 2 लाख के पार नहीं गई। विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2014 से पहले पांच साल में 2011 में 1,22,819, 2012 में 1,20,923, 2013 में 1,31,405 और 2014 में 1,29,328 भारतीयों ने नागरिकता छोड़ी।
नागरिकता त्यागने की क्या होती है प्रक्रिया?
संसद में जब सरकार से पूछा गया कि क्या भारतीय नागरिकता छोड़ने के अनुरोध को स्वीकारने से पहले जांच नहीं की जाती है? उन लोगों से सवाल नहीं पूछा जाता है कि देश छोड़कर क्यों जा रहे हो? इस पर जवाब देते हुए सरकार ने सिटिजनशिप त्यागने का पूरा प्रोसेस बताया।
आप त्याग के लिए आवेदन कैसे करते हैं?
भारतीय नागरिकता त्यागने के लिए, आवेदक को www.indiancitizenshiponline.nic.in पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। संबंधित प्राधिकारी, जिला कलेक्टर (भारत में) या भारतीय मिशन/पोस्ट में वाणिज्य दूतावास अधिकारी (भारत के बाहर), जैसा भी मामला हो, मूल पासपोर्ट और अन्य विवरणों का सत्यापन करेंगे। संबंधित प्राधिकारी, आवेदक द्वारा प्रस्तुत घोषणा पत्र में उल्लिखित सभी विवरणों का सत्यापन करने के बाद, सभी हितधारक एजेंसियों/सरकारी विभागों को 30 दिनों के भीतर अपने इनपुट या टिप्पणियां प्रस्तुत करने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करता है। इसके बाद संबंधित प्राधिकारी दस्तावेजों के सभी आवश्यक सत्यापन करने के बाद पावती के 30 दिनों के बाद ऑनलाइन मॉड्यूल में त्याग प्रमाण पत्र को मंजूरी देता है।
त्याग प्रक्रिया में कितना समय लगता है?
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संबंधित भारतीय मिशन /डाकघर या संबंधित डीएम/डीसी कार्यालय द्वारा घोषणाकर्ता की हस्ताक्षरित हार्ड कॉपी अपलोड करने की तिथि से इस प्रक्रिया में लगभग 60 दिन लग सकते हैं। इसके बाद, भारतीय मिशन/डाकघर या डीएम/डीसी कार्यालय दस्तावेजों के सत्यापन के बाद हस्ताक्षरित हार्ड कॉपी अपलोड करता है।
अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ने के बाद, आपको अपनी भारतीय नागरिकता के आधार पर प्राप्त सभी दस्तावेज (मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड , ड्राइविंग लाइसेंस आदि ) भी संबंधित अधिकारियों को सौंपने होंगे।
उन माता-पिता के बच्चों का क्या होगा जिन्होंने अपनी भारतीय नागरिकता त्याग दी है?
यदि कोई व्यक्ति अपनी भारतीय नागरिकता त्याग देता है, तो उस व्यक्ति का प्रत्येक नाबालिग बच्चा भी स्वतः ही अपनी नागरिकता त्याग देता है। हालाँकि, ऐसे बच्चे पूर्ण आयु प्राप्त करने के एक वर्ष के भीतर यह घोषणा कर सकते हैं कि वे अपनी भारतीय नागरिकता पुनः प्राप्त करना चाहते हैं । यदि आप किसी अन्य विदेशी देश की नागरिकता प्राप्त किए बिना अपनी नागरिकता त्यागना चाहते हैं तो क्या होगा? आप अपनी भारतीय नागरिकता त्याग सकते हैं, लेकिन तब आप राज्यविहीन हो जाएंगे, जो वांछनीय नहीं है।
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