लड़कियों पर आपत्तिजनक बयान के बाद अनिरुद्धाचार्य ने मांगी माफी, बोले गलत तरीके से पेश किया गया वीडियो

Aniruddhacharya controversy: वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक और गौरी गोपाल आश्रम के संस्थापक अनिरुद्धाचार्य अक्सर सोशल मीडिया पर किसी न किसी चीज को लेकर चर्चा में रहते हैं। हाल ही में वे अपने एक विवादित बयान के कारण चर्चा में आ गए हैं। 2025 में मथुरा में एक धार्मिक सभा के दौरान अनिरुद्धाचार्य ने लड़कियों की शादी की उम्र और उनके चरित्र को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद समाज के विभिन्न वर्गों और महिलाओं व सामाजिक संगठनों इसके खिलाफ रोष देखने को मिला। इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उन्हें व्यापक आलोचना का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही महिला वकीलों ने उनपर कानूनी कार्रवाई की मांग भी की है। इसके जवाब में अनिरुद्धाचार्य ने सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली है।

अनिरुद्धाचार्य ने दिया विवादित बयान

अनिरुद्धाचार्य ने अपनी एक कथा के दौरान लड़कियों की शादी की उम्र को लेकर टिप्पणी की थी। जिसमें उन्होंने कहा कि ’25 साल की उम्र तक लड़कियां पूरी तरह परिपक्व हो जाती हैं, जिसके कारण देर से शादी करने पर प्री-मैरिटल रिलेशनशिप की संभावना बढ़ जाती है।’ इस बयान को कई लोगों ने रूढ़िगत और महिलाओं के प्रति अपमानजनक माना। मथुरा बार एसोसिएशन और महिला अधिवक्ताओं ने इस बयान को न केवल लैंगिक रूप से असंवेदनशील बल्कि सामाजिक रूप से हानिकारक बताया। सोशल मीडिया पर भी कई यूजर्स ने इसे ‘महिलाओं का अपमान’ और ‘संस्कृति के खिलाफ’ करार दिया, जिसके बाद उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करने की मांग उठी।

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सोशल मीडिया पर हुए ट्रोल

अनिरुद्धाचार्य अपने इस बयान के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर खूब ट्रोल किए गए। कई यूजर्स ने उनके बयान को ‘घटिया’ और ‘मानसिक विकृति’ का प्रतीक बताया। उदाहरण के लिए, एक यूजर ने लिखा कि ‘जो व्यक्ति धर्म की गद्दी पर बैठकर महिलाओं के लिए इतनी गंदी सोच रखता हो, उसे कथावाचक नहीं, ‘कथित भोगवाचक’ कहा जाना चाहिए।’ समाजवादी पार्टी जैसे राजनीतिक दलों ने भी इस बयान की निंदा की और इसे सामाजिक मूल्यों के खिलाफ बताया। मथुरा बार एसोसिएशन ने जिला पुलिस प्रमुख से मुलाकात कर अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने और सार्वजनिक माफी की मांग की। इस विवाद ने न केवल उनके प्रवचनों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए बल्कि धार्मिक मंचों से दिए जाने वाले बयानों की जिम्मेदारी पर भी बहस छेड़ दी।

 

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अनिरुद्धाचार्य ने मांगी माफी

विवाद बढ़ने के बाद अनिरुद्धाचार्य ने अपने बयान पर खेद व्यक्त करते हुए सार्वजनिक माफी मांगी। उन्होंने कहा कि ‘उनकी मंशा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की नहीं थी और यदि उनके शब्दों से किसी को दुख पहुंचा है, तो वे इसके लिए माफी मांगते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनके बयान को ‘गलत संदर्भ’ में लिया गया और वे हमेशा से सनातन मूल्यों को बढ़ावा देने के पक्षधर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं हमारे धर्म में पूजनीय हैं और हम उनका सम्मान करते हैं।’

पहले भी विवादों में रहे हैं अनिरुद्धाचार्य

यह पहली बार नहीं है जब अनिरुद्धाचार्य अपने बयानों के कारण विवादों में घिरे हैं। 2022 में उन्होंने एक धार्मिक प्रवचन के दौरान महिलाओं की सुंदरता को लेकर टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘अत्यधिक सुंदरता’ महिलाओं के लिए दोष है और सीता व द्रौपदी जैसी पौराणिक स्त्रियों को उनकी ‘अतिरिक्त सुंदरता’ के कारण कष्ट झेलना पड़ा। इस बयान को भी मिथ्या और पीड़ित को दोष देने की मानसिकता को बढ़ावा देने वाला माना गया था। इसके अलावा, 2024 में उन्होंने भगवान शिव को लेकर एक बयान दिया था, जिसके बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी। उनके बयानों में अक्सर महिलाओं के कपड़ों, जीवनशैली और नैतिकता पर टिप्पणियां शामिल रही हैं, जो उनके आलोचकों के अनुसार रूढ़िगत और लैंगिक भेदभाव को बढ़ावा देने वाली हैं।

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