Right way to Naam Jap: नाम जप एक ऐसी क्रिया जिसमें भगवान का नाम लगातार श्रद्धा और भक्ति के साथ लेने से से मन और मस्तिष्क दोनों शांत होते हैं. सभी धर्मों में नाम जप की परंपरा रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए संत प्रेमानंद महाराज ने नाम जप करने के 3 चरणों की व्याख्या की है.
परम पूज्य संत प्रेमानंद महाराज ने नाम जप करने वाले साधक को 3 चरण के बारे में जानकारी दी है. जिसमें पहला चरण शुरुआती और सरल है. प्रेमानंद महाराज ने बताया कि, शुरुआत में साधक को जो भी नाम अच्छा लगे, उसे जल्दी जल्दी जापना चाहिए.
जानें नाम जप करने के कौन-कौन से चरण हैं?
जैसे आप राधा-राधा-राधा-राधा जप रहे हैं तो तेजी से राधा नाम का जाप करें. अगर आप काम कर रहे हैं तो मन में इस नाम को बार-बार दोहराएं.
अगर आप बैठे या विश्राम कर रहे हैं तो किसी एक जगह पर एक्रागता बनाए रखें. उसे निरंतर देखते हुए नाम जप करें. ऐसा करने से मन काबू में रहता है.
प्रेमानंद महाराज ने नाम जाप करने का दूसरा चरण बताते हुए कहा कि, जब आपके मन में लगातार किसी भी भगवान का नाम चलने लगेगा, तो चाहे आप कोई सा भी काम करें, आपके अंतर्मन में नाम जप चलता रहेगा. जब व्यक्ति दूसरे चरण पर पहुंच जाए तो उसे नाम जाप धीरे-धीरे करना चाहिए.
क्योंकि अब आपका मन कहीं और भटकेगा नहीं. नाम जप करने के दूसरे चरण में लोगों को अक्षर को लंबा खींचते हुए नाम जाप करना चाहिए. ऐसा करने से भगवान की कृपा दृष्टि आप पर होती है.
नाम जप करने का तीसरा चरण
जब आपका मन नाम जप करने के पहले और दूसरे चरण में माहिर हो जाए, तब जाकर आप तीसरे चरण की शुरुआत करें. इस चरण में साधक को अपनी आंखों से नाम लिखना होता है. इस तीसरे चरण में आप अपनी आंखों को उसी तरह हिलाते हैं, जैसे आप राधा लिखने के लिए हाथों का प्रयोग करते हैं.
इस तरह नाम जप करने से कभी भी आपका मन भटकेगा नहीं और तो और शुभ फल की भी प्राप्ति होगी.
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