India statement at UN: भारत ने एक बार फिर आतंक की फैक्ट्री पाकिस्तान को आईना दिखाया है। यूएन में भारत के स्थायी राजदूत पी हरीश ने कहा कि शांति की स्थापना के लिए एक ही अनिवार्य शर्त है। आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति। लेकिन यूएनएससी का मौजूदा अध्यक्ष इसका सम्मान नहीं कर रहा है। बता दें कि पाकिस्तान एक महीने के लिए यूएनएससी का अध्यक्ष हैं।
भारत के राजदूत ने आगे कहा कि दक्षिण एशिया समृद्धि और विकास के 2 मॉडल पेश करता है। एक विकास की राह पर चल रहा भारत है तो दूसरा कट्टरता और आतंकवाद में डूबा पाकिस्तान जो बार-बार आईएमएफ कर्ज लेता है। इसके साथ ही भारत ने अमेरिका के सीजफायर दावे का भी खंडन किया है। भारत ने कहा कि मई में पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य गतिविधियों पर विराम सीधे तौर पर पाकिस्तान के अनुरोध पर किया गया था।
पाकिस्तान का काम आतंक फैलाना
भारत के राजदूत ने कहा कि पाकिस्तान सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देकर अंतरराष्ट्रीय संबंधों की भावना का उल्लंघन करता है। हाल ही में उसने 22 अप्रैल 2025 का जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला कराया। जिसमें 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए। इसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंक के अड्डों को तबाह कर दिया। हमारा उद्देश्य में पाकिस्तान में चल रहे आतंक के शिविरों को खत्म करना था। जिसमें हम सफल रहे। इसके बाद पाकिस्तान के अनुरोध पर हमने सैन्य गतिविधियों को रोक दिया था।
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पाकिस्तान को यह शोभा नहीं देता
पी हरीश ने आगे कहा कि जब हम अंतरराष्ट्रीय शांति की बात करते हैं तो हमें यह समझना होगा कि इसके कुछ बुनियादी सिद्धांत है जिसका पालन किया जाना जरूरी है। उनमें से एक है आतंकवाद के जीरो टोलरेंस की पॉलिसी। यूएनएससी का सदस्य होने के नाते पाकिस्तान को यह शोभा नहीं देता कि वह आतंकवाद को बढ़ावा दें और दुनियाभर में शांति का उपदेश दे।
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