CPI(M) के संस्थापक VS Achuthanandan कौन थे? CM बनने से पहले 5 साल जेल में रहे

Who was VS Achuthanandan?: केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन अब हमारे बीच नहीं रहें, उन्होंने सोमवार शाम (21 जुलाई 2025) को 101 साल की उम्र में अपनी आखिरी सांस ली। उनके निधन से राजनीति जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। आज उनके पार्थीव शरीर को जनता के अंतिम दर्शन के लिए केरल के सचिवालय के दरबार हॉल में लाया गया है। तिरुवनंतपुरम में बार्टन हिल के पास सड़क पर लोग लाइन लगाकर उनके अंतिम दर्शन के लिए मौजूद हैं। राजनीति और फिल्म जगत के कई मानचीन हस्तियां उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए दरबार हॉल में पहुंच रहे हैं। क्या आप जानते हैं कि वीएस अच्युतानंदन ने अपने जीवन में कुल 10 चुनाव लड़े और 7 में जीत हासिल की? इसके अलावा 5 साल जेल में रहे हैं। चलिए जानते हैं आखिर वीएस अच्युतानंदन कौन थे और कैसे राजनेता थे।

बचपन में ही माता-पिता को खोया

वीएस अच्युतानंदन का पूरा नाम वेलिक्ककाथु शंकरन अच्युतानंदन है। उनका जन्म 20 अक्टूबर 1923 को केरल के त्रावणकोर के अलप्पुझा में स्थित पुन्नपरा में हुआ था। उनके माता-पिता का नाम शंकरन और अक्कम्मा था। बचपन में ही अच्युतानंदन के सिर से माता-पिता का साया छिन गया था क्योंकि 4 साल की उम्र में उनकी मां का निधन हो गया था। वहीं, 11 साल की उम्र में उन्होंने पिता को भी खो दिया। उस वक्त वह 7वीं क्लास में थे; पिता के निधन के बाद उन्हें अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी। इसके बाद उन्होंने गांव की एक दर्जी की दुकान पर काम किया। कुछ समय बाद उन्होंने नारियल के रेशे की रस्सियां बनाने वाले कारखाने में नारियल की जाली लगाने का काम किया।

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ऐसे हुई राजनीतिक करियर की शुरुआत

VS अच्युतानंदन ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 1938 में की; उन्होंने अच्युतानंदन ने ट्रेड यूनियन एक्टिविटी के जरिए राजनीति में कदम रखा। इसी साल वह कांग्रेस में भी शामिल हुए। फिर 2 साल बाद, वह 1940 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के सदस्य बन गए। वीएस अच्युतानंदन के 40 साल के राजनीतिक करियर में उन्होंने 10 बार चुनाव लड़ा है और 7 जीते हैं। इसी बीच वह 5 साल 6 महीने कैद में भी रहे हैं। इसके अलावा, वह करीब साढ़े चार साल तक छिपे भी रहे।

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केरल के सबसे बूढ़े मुख्यमंत्री बने

इसके बाद साल 1964 में उन्होंने CPI छोड़ दी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) CPI(M) की स्थापना की। साल 2006 में 82 साल की उम्र में वह केरल के मुख्यमंत्री बने। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले वह भारत के सबसे वृद्ध व्यक्ति थे। इसके अलावा, साल 2016 से 2021 तक वह राज्य कैबिनेट रैंक और केरल में प्रशासनिक सुधारों के अध्यक्ष थे। साथ ही वह केरल विधानसभा में सबसे लंबे समय तक विपक्ष में बैठने वाले नेता भी रहे हैं।

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