Sawan 2025: शिवलिंग पर जल चढ़ाने का सही तरीका क्या है? जानें नियम और महत्व

Sawan 2025: सावन मास का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है. इस पवित्र महीने में शिव के भक्त शिवलिंग की पूजा आराधना के साथ जलाभिषेक भी करते हैं. मान्यताओं के मुताबिक शिवलिंग पर श्रद्धापूर्वक जलाभिषेक करने से भगवान शिव खुश होते हैं. 

बहुत से लोग शिवलिंग पर जल अर्पण करने के दौरान गलतियां करते हैं. अज्ञानतावश लोगों को शिवलिंग पर जलाभिषेक करने का सही तरीका पता नहीं होता है. जिस कारण उन्हें भगवान शिव की कृपा प्राप्त नहीं होती है. आइए जानते हैं शिवलिंग पर जलाभिषेक करने का सही तरीका क्या है? 

शिवलिंग पर जल चढ़ाने का सही तरीका
कभी भी मंदिर में जल चढ़ाने जाए तो सबसे पहले शिवजी के दाहिनी तरफ विराजमान गणेश जी पर जल अर्पित करें. इसके बाद बाईं ओर कार्तिकेय जी पर जल अर्पण करना चाहिए. इसके बाद शिवलिंग के बीच में विराजमान अशोक सुंदरी पर जल चढ़ाना चाहिए.

फिर माता पार्वती, इसके बाद शिवलिंग पर जल अर्पित करना चाहिए. शिवजी के बाद नाग देवता वासुकी पर जल अर्पित करना चाहिए. आखिर में नंदी महाराज पर जल अर्पित करना चाहिए.

जलाभिषेक करने के बाद तीन तालियों का महत्व
शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के बाद तीन तालियां भी बजाई जाती है. बहुत से लोगों को इसका मतलब भी नहीं पता होता है कि आखिर तीन तालियां क्यों बजाई जाती है. दरअसल पहली ताली का अर्थ होता है कि हम शिवजी को बता रहे हैं कि हम आपके शिवालय में उपस्थित हैं.

दूसरी ताली का अर्थ होता है कि, शिवजी आप हमारे ऊपर आशीर्वाद बनाए रखना. तीसरी ताली का अर्थ होता है कि महादेव आप हमारी सभी दुख-पीड़ा को खत्म कर दें. इसके बाद आपको दोनों हाथ उठकर हर-हर महादेव का जयकारा लगाना है.

शिवलिंग पर जल चढ़ाते वक्त इन बातों का भी रखें खास ध्यान

  • शिवलिंग पर जलाभिषेक करते समय साफ कपड़े धारण किए हो.
  • ऊँ नम शिवाय मंत्र के जाप के साथ शिवलिंग का जलाभिषेक करें.
  • जलाभिषेक रुक-रुककर या झटके में न करें, बल्कि आराम से शिवलिंग का जलाभिषेक करें. 
  • शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय दाएं हाथ का इस्तेमाल करना चाहिए. 
  • शिवलिंग पर भूलकर भी तुलसी का पत्ता अर्पण नहीं करना चाहिए. 

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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