Shiv Puja Niyam: शिव मंदिर से लौटकर तुरंत न करें ये काम, वरना नहीं मिलेगा पूजा का फल

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष लाभ है. हर व्यक्ति को नियमित पूजा-पाठ करना चाहिए. साथ ही देवी-देवताओं के दर्शन-पूजन के लिए मंदिर भी जाना चाहिए. मंदिर जाने से मानसिक शांति मिलती है और आध्यात्मिक लाभ होता है. मंदिर जाना व्यक्ति के लिए एक धार्मिक कर्म है, जिसका पुण्यफल जरूर मिलता है.

फिलहाल सावन का पवित्र महीना चल रहा है. इस महीने शिवभक्त महादेव की पूजा-अर्चना में लीन रहते हैं. मान्यता है कि, सावन के महीने में भगवान शिव का वास धरती पर होता है. इसलिए इस दौरान शिवधाम और शिवायलों में भी भक्तों की भारी भीड़ रहती है. भक्त शिव मंदिर जाकर पूजा-पाठ और शिवलिंग का जलाभिषेक आदि जैसे धार्मिक कार्य करते हैं.

शास्त्रों और शिव पुराण आदि में बताया गया है कि, भोले भंडारी अपने भक्तों की पूजा से शीघ्र प्रसन्न हो जाते है. लेकिन गलतियों से वे बहुत जल्दी रुष्ट भी हो जाते हैं. इसलिए शिवजी की पूजा के दौरान और पूजा के बाद कुछ गलतियों को करने से बचना चाहिए. आमतौर पर लोग मंदिर से निकलते वक्त ऐसा सोचते हैं कि, उन्होने पूरे भक्ति-भाव से भगवान की पूजा की है और उसे इसका पुण्यफल भी मिल जाएगा. लेकिन शिवजी की पूजा के बाद या किसी भी पूजा के बाद मंदिर से निकलने के बाद के भी कुछ नियम शास्त्र और पुराणों में बताए गए हैं, जिसका पालन जरूर करना चाहिए.

शिव मंदिर में पूजा के बाद न करें ये 4 काम

  • शिवजी की पूजा में जल अर्पित करना पूजा का सबसे महत्वपूर्ण अंग है. इसलिए लोग घर से ही पूजा सामग्री के साथ लोटे में जल भी लेकर जाते हैं. लेकिन मंदिर से खाली लोटा वापस घर ले आते हैं, जिसे कि शुभ नहीं माना जाता है. मंदिर से खाली लोटा कभी भी घर नहीं लाना चाहिए. पूजा करते समय थोड़ा जल बचा लेना चाहिए और उसे घर लेकर आना चाहिए. आप चाहे तो लोटे में थोड़ा अक्षत, फूल या पूजा सामग्री आदि भी डालकर ला सकते हैं. मंदिर से वापस लाया गया जल बहुत शुद्ध माना जाता है.
  • मंदिर से आने के बाद तुंरत पैर नहीं धोने चाहिए. दरअसल मंदिर जैसे पवित्र स्थल में सकारात्मक ऊर्जा रहती है. इसलिए उसे साफ करके हटाने के बजाय कुछ समय तक शरीर में रहने देना चाहिए.
  • मंदिर से घर आकर पूजा सामग्रियों को इधर-उधर रखने के बजाय, उसे सम्मानपूर्वक साफ स्थान में रखना चाहिए और यह काम घर आकर सबसे पहले करना चाहिए. घर आते ही पूजा सामग्री को उचित स्थान पर रखें, सभी जनों में प्रसाद बांटे. फूल, अक्षत या जल जैसी बची हुई सामग्री को पेड़-पौधों के जड़ में डाल दें. इन कार्यों को करने के बाद ही कोई अन्य काम करें.
  • मंदिर में प्रवेश करते समय घंटी जरूर बजानी चाहिए. लेकिन मंदिर से लौटते समय घंटी न बजाएं. ऐसी गलती बहुत से लोग करते हैं, लेकिन अगली बार शिव मंदिर या किसी भी मंदिर जाएं तो पूजा के बाद लौटते समय घंटी नहीं बजाएं.

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