साई ग्रुप मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED का बड़ा एक्शन, इंग्लैंड में आरोपी की प्रॉपर्टी अटैच

ED Big Action on Money Laundering Case: मुंबई के साई ग्रुप के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़ी कार्रवाई की है। दरअसल, ED के मुंबई जोनल ऑफिस ने इस मामले में 16 जुलाई 2025 को साई ग्रुप के प्रमोटर की इंग्लैंड (UK) में स्थित एक अचल संपत्ति को अटैच किया है। ED ने ये कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) 2002 के तहत की है। बताया जा रहा है कि यह संपत्ति विनोद टन्ना और उनकी पत्नी के नाम पर है। जांच में सामने आया कि जयेश टन्ना ने ये प्रॉपर्टी उसी साल खरीदी जिस साल अपराध हुआ था।

साल 2017 में खरीदी थी प्रॉपर्टी

जानकारी के अनुसार, जयेश टन्ना ने इंग्लैंड में ये प्रॉपर्टी साल 2017 में खरीदी थी। ED की जांच में खुलासा हुआ कि इस प्रॉपर्टी की कीमत करीब 2.07 लाख पाउंड (GBP) है। ये वहीं पैसे हैं जो मुंबई के फ्लैट खरीदारों और निवेशकों से धोखाधड़ी करके कमाए गए थे। इन पैसों को इंग्लैंड भेजकर वहां पर यह प्रॉपर्टी खरीदी गई।

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निवेशकों को करोड़ों का नुकसान

जांच में यह भी सामने आया कि साई ग्रुप के प्रमोटरों ने मुंबई के DN नगर, अंधेरी, कांदिवली और गोरेगांव जैसे इलाकों में रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स के नाम पर फ्लैट और दुकान खरीदने वालों से पैसे लिए, लेकिन प्रोजेक्ट समय पर पूरे नहीं किए। इन पैसों का इस्तेमाल उन्होंने निजी फायदे के लिए किया। इस धोखाधड़ी से खरीदारों, पुराने रहवासियों और निवेशकों को करीब 85.75 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। अब तक ED ने इस मामले में कुल 35.65 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है। जांच अभी भी जारी है और आगे और कार्रवाई की जा सकती है।

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साल 2024 में शुरू हुई ED की जांच

बता दें कि ED ने साई ग्रुप के प्रमोटर के मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच साल 2024 में शुरू की थी। यह जांच मुंबई पुलिस द्वारा जयेश टन्ना, दीप टन्ना (साई ग्रुप के प्रमोटर), और अन्य के खिलाफ दर्ज कई FIR पर आधारित है। इन लोगों पर IPC की विभिन्न धाराओं के तहत धोखाधड़ी, विश्वासघात जैसी गंभीर धाराएं लगी हैं। पुलिस ने अधिकतर मामलों में चार्जशीट भी दायर कर दी है।

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