ED filed chargesheet against Robert Vadra: गुरुग्राम की जमीन डील में गड़बड़ी को लेकर रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें अब और बढ़ गई हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार (17 जुलाई, 2025) को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में जमीन घोटाला मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है. इस चार्जशीट में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कुल 11 लोगों और कंपनियों को आरोपी बनाया है.
प्रवर्तन निदेशालय ने अपने चार्जशीट में कांग्रेस संसदीय कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा, उनकी कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड (Sky Light Hospitality Pvt. Ltd.), उनके सहयोगी सत्यानंद याजी, केवल सिंह विरक और उनकी कंपनी ओंकारेश्वर प्रोपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड (Onkareshwar Properties Pvt. Ltd.) सहित कई अन्य का नाम भी शामिल किया है.
आखिर क्या है गुरुग्राम जमीन घोटाला मामला?
उल्लेखनीय है कि जिस समय गुरुग्राम में यह जमीन घोटाला हुआ, उस समय हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा थे. यह जमीन घोटाला मामला गुरुग्राम के सेक्टर 83, गांव शिकोहपुर की 3.53 एकड़ जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़ा है, जो साल 2008 में रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी ने खरीदी थी. इस मामले में आरोप है कि इस डील में झूठे दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया और पर्सनल इनफ्लुएंस से कमर्शियल लाइसेंस भी लिया गया.
इसके बाद सितंबर, 2012 में उसी जमीन को लगभग 58 करोड़ में रियल एस्टेट कंपनी DLF को बेच दी गई. आरोप है कि कम दाम में जमीन खरीदकर अत्यधिक मुनाफा कमाया गया और मनी लॉन्ड्रिंग की गई.
गुरुग्राम पुलिस ने 2018 में दर्ज किया था मामला
गुरुग्राम पुलिस ने पहले ही इस मामले में एक सितंबर, 2018 को एफआईआर दर्ज की थी, जिसकी नंबर 288 है. वहीं, अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपनी जांच के बाद बुधवार (16 जुलाई, 2025) को 37.64 करोड़ रुपये की 43 संपत्तियां अटैच की है और फिर चार्जशीट दायर की गई है.
फिलहाल, दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस चार्जशीट पर कॉग्निजेंस यानी औपचारिक सुनवाई शुरू करने की मंजूरी नहीं दी है, लेकिन अब अगली सुनवाई में यह तय किया जाएगा कि कोर्ट आगे क्या कदम उठाता है.
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