भारत विकास परिषद सिर्फ एक संस्था नहीं है…ये है एक विचार : अमित शाह

नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह भारत विकास परिषद् के 63वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किए। इस दौरान उन्होंने कहा, भारत विकास परिषद का 63वां स्थापना दिवस एक मायने में भारत का विकास, भारत के दृष्टिकोण से चाहने वाले लोगों के लिए बहुत बड़ा दिन है। कोई भी संस्था 63 साल तक चलती है और निर्विवाद चलती है तो वो अपनेआप में एक बहुत बड़ी बात होती है। मगर सेवा की काम करने वाली संस्था जब 63 साल चलती है तो इसके पीछे काफी तपस्वियों का तप होता है तभी जाकर चलती है।

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उन्होंने आगे कहा, मैं निश्चित रूप से देख रहा हूं कि जब भारत की स्वतंत्रता की शताब्दी मनाई जाएगी तब भारत विकास परिषद और उत्साह के साथ भारत के विकास में अपना योगदान देती रहेगी। विवेकानंद जी के विचारों को, उनके जीवन को आदर्श मानकर ये संस्था चली। समर्पण, संगठन और संस्कार… ये तीनों गुणों को एक प्रकार से संजोकर समाज को संगठित करने का काम भारत विकास परिषद ने किया।

एक प्रकार से भारत विकास परिषद के काम को अलग दृष्टि से देखें तो जिनको सेवा करनी है और जिनको सेवा की जरूरत है… दोनों के बीच सेतु बनने का काम इस भारत विकास परिषद ने किया है। भारत विकास परिषद सिर्फ एक संस्था नहीं है…ये एक विचार है भारतीय को भारत के तत्वों के साथ जोड़ने का प्रयास और सेवा को जीवन का स्वभाव बनाने का काम भारत विकास परिषद के कार्यकर्ताओं ने किया।

गृहमंत्री ने आगे कहा, मोदी जी ने हमारे देश के सामने 2047 में पूर्ण विकसित राष्ट्र और एक ऐसा राष्ट्र जो हर क्षेत्र के अंदर पूरे विश्व में सर्वप्रथम हो…ऐसा राष्ट्र, ऐसा महान भारत बनाने का संकल्पना हम सबके सामने रखा है। उन्होंने पांच बिंदु सबके सामने रखे हैं, जिसमें विकसित भारत का लक्ष्य, गुलामी की हर अंश से मुक्ति, अपनी विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता का भाव और नागरिकों में कर्तव्य की भावना का निर्माण। भारत विकास परिषद बहुत लंबे से ये पांचों काम एक मुख्य सेवक की भांति कर रही है।

 

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