सावन (Sawan) कब से कब तक है और क्यों है ये इतना खास? 2025 में श्रावण मास की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है और इसका समापन 9 अगस्त को होगा. देवों के देव महादेव को समर्पित यह मास श्रद्धा, उपासना और आत्मशुद्धि का प्रतीक है.
इस बार विशेष बात यह है कि हर सावन सोमवार पर दुर्लभ और पुण्यदायक योग बन रहे हैं, जिससे यह मास पहले से कहीं अधिक फलदायी होगा.
जानिए कब-कब हैं सावन के सोमवार और कौन-से योग बन रहे हैं?
तारीख | नक्षत्र और योग | विशेषता |
14 जुलाई | धनिष्ठा नक्षत्र, आयुष्मान योग, चतुर्थी | शिव पूजा से आरोग्यता, दीर्घायु |
21 जुलाई | रोहिणी नक्षत्र, गौरी योग, कामदा एकादशी, सर्वार्थ सिद्धि योग | विष्णु-शिव कृपा, सुख-संपत्ति |
28 जुलाई | पूर्वाफाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, सिंह राशि में चंद्रमा, मंगल गोचर | धन योग, दोष निवारण |
4 अगस्त | अनुराधा, ज्येष्ठा नक्षत्र, वृश्चिक चंद्रमा, ब्रह्म और इंद्र योग | कार्य सिद्धि, इच्छापूर्ति |
सावन शिवरात्रि, नागपंचमी और तीज, तिथियों का विशेष महत्व
- 15 जुलाई (मंगलवार)-नाग पंचमी: नागों का पूजन कर शिव कृपा प्राप्त करें.
- 23 जुलाई (बुधवार)- सावन शिवरात्रि: शिव विवाह की स्मृति में, शिव अभिषेक अत्यंत पुण्यदायक.
- 27 जुलाई (शनिवार)- हरियाली तीज: माता पार्वती को समर्पित, दांपत्य सुख हेतु व्रत.
- 24 जुलाई (बुधवार)- हरियाली अमावस्या: पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध, पौधरोपण.
मंगला गौरी व्रत और प्रदोष पूजा, गृहस्थ सुख और समृद्धि के लिए
मंगला गौरी व्रत (मंगलवार)
- तिथियां: 15, 22, 29 जुलाई और 5 अगस्त
- लाभ: मां पार्वती की कृपा से अखंड सौभाग्य और पारिवारिक सुख
- पूजन विधि: घर पर या मंदिर में दीपदान, सुहाग सामग्री, कथा श्रवण
प्रदोष व्रत
- 22 जुलाई: मंगल प्रदोष
- 6 अगस्त: बुध प्रदोष
इन दोनों प्रदोषों पर शिव-पार्वती का युगल पूजन विशेष फलदायी माना गया है.
सावन में ऐसे करें शिव पूजन और जलाभिषेक, मिलेगा मनचाहा वरदान
- घर में प्राण-प्रतिष्ठित शिवलिंग हो तो वहीं पूजन करें, अन्यथा मंदिर जाएं.
- सबसे पहले ॐ नमः शम्भवाय च मयो भवाय च… मंत्र का जाप करते हुए शुद्ध जल अर्पित करें.
- फिर पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, गंगाजल) से अभिषेक करें.
- शिवलिंग पर मौली, जनेऊ, चंदन-केसर का तिलक करें, फल-नैवेद्य अर्पित करें.
- पूजन के साथ निरंतर “ॐ नमः शिवाय” या महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें.
इस सावन में हर सोमवार, हर तिथि अवसर है, शिव को पाने का, आत्मा को पवित्र करने का, और जीवन के कष्टों से मुक्त होने का. इन शुभ योगों में पूजन करने से न केवल अभी का जीवन सुधरेगा, बल्कि आपके पूर्व जन्मों के दोष भी शांत होंगे.
FAQs
Q. सावन में कौन सा मंत्र सबसे अधिक फलदायक है?
ॐ नमः शिवाय और ॐ त्र्यंबकं यजामहे…दोनों ही अत्यंत शुभ माने जाते हैं.
Q. क्या घर पर शिवलिंग का पूजन किया जा सकता है?
यदि शिवलिंग प्राण-प्रतिष्ठित है तो पूजा विशेष नियमों से करें, अन्यथा मंदिर जाएं.
Q. मंगला गौरी व्रत कौन कर सकता है?
विशेष रूप से विवाहित महिलाएं इसे करती हैं, परंतु कोई भी श्रद्धालु कर सकता है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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