स्टॉक मार्केट रेगुलेटर सिक्युरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (NSEL) मामले से जुड़े ब्रोकर्स के लिए सेटलमेंट की एक नई योजना का प्रस्ताव दिया है. इस योजना का मकसद उन ब्रोकर्स को मौका देना है, जिनके खिलाफ सेबी ने NSEL ट्रेडिंग को लेकर ऑर्डर जारी किए हैं. योजना सेटलमेंट रेगुलेशंस 2018 के तहत पेश की गई है. हालांकि, सेबी ने इस योजना के साथ ब्रोकर्स के लिए कुछ कड़ी शर्तें भी रखी है.
केवल इन ब्रोकर को मिलेगा फायदा
मार्केट रेगुलेटर सेबी के मुताबिक इस स्कीम का फायदा केवल उन्हीं ब्रोकर्स को मिलेगा, जिनकी अपील सिक्युरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल यानी SAT या किसी दूसरे कोर्ट में लंबित होगी. सेबी ने साथ ही ये बात भी साफ की है कि ये योजना केवल उन मामलों में सीमित रहेगी, जिनमें सेबी के कानूनों का उल्लंघन हुआ हो. इसका मतलब है कि इस सेटलमेंट का किसी भी दूसरी एजेंसियों द्वारा की जा रही किसी भी तरह की जांच पर कोई भी असर नहीं पड़ेगा.
सेबी ने लगाई ये कड़ी शर्तें
सेबी द्वारा योजना के लिए कुछ कड़ी शर्तें भी रखी है. इसके तहत ब्रोकर्स का नाम EOW, ED, MCA या SFIO जैसी जांच एजेंसियों की चार्जशीट में नहीं होना चाहिए. यदि उनका नाम चार्जशीट में होगा तो वह ऐसी योजना का फायदा नहीं उठा सकते. वहीं, वे ब्रोकर्स जो किसी भी स्टॉक एक्सचेंज में डिफॉल्टर घोषित कर दिए हैं, उन्हें भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा. वहीं, सबसे अहम शर्त के मुताबिक यदि कोई ब्रोकर इस स्कीम के तहत मामला निपटा लेता है, लेकिन बाद में उसके खिलाफ चार्जशीट दायर होती है, उसका निपटान रद्द हो जाएगा.
25 अगस्त से शुरू होगी योजना
सेबी की इस सेटलमेंट योजना 25 अगस्त 2025 से शुरू होगी और ये 25 फरवरी 2026 तक वैध होगी. हालांकि, सक्षम अथॉरिटी के पास इन तारीखों में बदलाव करने का अधिकार होंगे. वहीं, इस योजना से जुड़ी सभी अहम जानकारी और FAQs 25 अगस्त 2025 से सेबी की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे. यह कदम उन ब्रोकर्स को कानूनी मामलों के निपटारे के लिए एक मौका देता है, जो लंबे वक्त से चल रही जांच और कानूनी प्रक्रिया में फंसे हुए हैं.
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