Government Stake Sale: केंद्र सरकार ने आने वाले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए बड़े कदम की रूपरेखा तैयार की है। इसमें पूंजी जुटाना और हिस्सेदारी घटाने की पहल शामिल हैं। इस बारे में जानकारी रखने वाले वरिष्ठ सरकारी सूत्रों ने Moneycontrol को बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 2025-26 में क्वालिफाइड इंस्टिट्यूशनल प्लेसमेंट्स (QIP) के जरिए 45,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रहे हैं।
SBI को 20,000 करोड़ जुटाने की मंजूरी
पूंजी जुटाने की मुहिम की अगुआई देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) करेगा। वह QIP के जरिए 20,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए वित्त मंत्रालय की मंज़ूरी मिल चुकी है। यह पेशकश जल्द ही शुरू होने की संभावना है।
5 सरकारी बैंकों में हिस्सेदारी घटाने का प्लान
सूत्रों के मुताबिक, सरकार पांच सार्वजनिक बैंकों में हिस्सेदारी घटाने की योजना बना रही है, जो ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए की जाएगी। इस लिस्ट में बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब एंड सिंध बैंक शामिल हैं।
LIC में हिस्सेदारी बेचने को मिली मंजूरी
सूत्रों के अनुसार, वित्तीय सेवा विभाग ने सरकारी बीमा कंपनी- लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (LIC) में भी हिस्सेदारी बेचने की मंजूरी दे दी है। यह भी OFS के जरिए की जाएगी। सरकार के पास फिलहाल LIC में 96.5% हिस्सेदारी है। इसमें सार्वजनिक हिस्सेदारी महज 3.5% है।
यही वजह है कि LIC में हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है। इसका मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा आम निवेशक इसमें हिस्सेदारी ले सकें और कंपनी की वैल्यू को बाजार में बेहतर तरीके से दिखाया जा सके। यह फैसला सरकार की इस साल की विनिवेश योजना का हिस्सा है।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र में इसी साल बिकेगा स्टेक?
सूत्रों ने बताया कि बैंक ऑफ महाराष्ट्र इस साल के भीतर 25% न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी की नियम को पूरा कर सकता है। हालांकि, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब एंड सिंध बैंक के लिए यह डेडलाइन अगस्त 2026 से बढ़ाकर 2026-27 तक की जा सकती है।
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