नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण जारी है। इसको लेकर जमकर सियासत भी हो रही है। विपक्षी दल के नेता निर्वाचन आयोग, बीजेपी और आरएसएस पर जमकर निशाना साध रहे हैं। अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि, ग़रीब, कमज़ोर, वंचित, दलित, पीड़ित, पिछड़े लोगों का जबरन मताधिकार छीनना ही BJP-RSS का षड्यंत्र है। क़रीब 8 करोड़ लोग इसको भुगतेंगे।
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मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, भाजपा ने चुनाव आयोग के सहयोग से, बिहार में करोड़ों लोगों का वोटिंग का अधिकार छीनने का जो मास्टर प्लॉन बनाया था, उसमें अब भाजपा खुद फंसती नज़र आ रही है। पहले दिन से ही, कांग्रेस पार्टी Special Intensive Revision of Electoral Rolls (SIR) के ख़िलाफ़ आवाज़ उठा रही है। जो लोग चुनाव-दर-चुनाव वोट देते आ रहें हैं, उनसे वोटिंग के लिए कागज़ दिखाने के लिए क्यों कहा जा रहा है?
उन्होंने आगे कहा, ग़रीब, कमज़ोर, वंचित, दलित, पीड़ित, पिछड़े लोगों का जबरन मताधिकार छीनना ही BJP-RSS का षड्यंत्र है। क़रीब 8 करोड़ लोग इसको भुगतेंगे। वोटर लिस्ट दुरुस्त करने की ज़िम्मेदारी ECI की है, जनता की नहीं है। जब विपक्ष, जनता और Civil Society का दबाव बढ़ा, तब आनन-फ़ानन में चुनाव आयोग ने ये विज्ञापन आज प्रकाशित किये हैं, जो ये कहते हैं कि अब केवल फॉर्म भरना है, कागज़ दिखाने ज़रूरी नहीं है।
ये जनता को बरगलाने और भ्रमित करने की भाजपाई चाल का ही हिस्सा है। सच तो ये है कि भाजपा ने ये तय किया है कि वो लोकतंत्र को कुचल कर ही दम लेगी। पर जब जनता का विरोध से सामना होता है, तो बड़ी चालाकी से एक क़दम पीछे खींच लेती है। बिहार, लोकतंत्र की जन्मस्थली है। बिहार की जनता लोकतंत्र और संविधान पर इस भाजपाई हमले का जवाब आने वाले चुनाव में ज़रूर देगी।
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