रूस-यूक्रेन की जंग के बीच अमेरिका का बड़ा फैसला, हथियारों की सप्लाई रोकी

अमेरिका ने यूक्रेन को हथियार की सप्लाई रोक दी है। सचिव पीट हेगसेथ ने ये फैसला लिया है। इसे लेकर पुतिन की ट्रंप से बात भी हुई है। इसी के बाद अमेरिका ने यूक्रेन की मदद करने से पीछे हट गया है। माना जा रहा है कि पुतिन कीव को जीतकर ही अब पीछे हटेंगे।

ट्रंप के फैसले से बदली यूक्रेन की स्थिति

अमेरिका की ट्रंप सरकार यूक्रेन को पिछले करीब तीन सालों से हथियारों की सप्लाई कर रही थी। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की भी अमेरिका के भरोसे ही रूस से दो-दो हाथ कर रहे थे। जिससे लग रहा था कि यूक्रेन के सहारे अमेरिका सीधे रूस को काबू कर लेगा, लेकिन ट्रंप के इस फैसले के बाद स्थिति बदल गई है। अब यूक्रेन को अकेले ही रूस का सामना करना होगा। देखा जाए तो यूक्रेन अब रूस के आगे ज्यादा दिन नहीं टिक सकेगा। वहीं पुतिन का मानन है कि कीव को जीतकर ही इस युद्ध का अंतिम फैसला हो सकता है।

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अमेरिका ने क्यों रोकी हथियारों की सप्लाई?

व्हाइट हाउस के सचिव पीट हेगसेथ का कहा है कि यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई को रोकने का फैसला किया गया है। काफी लंबे समय से यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई की जा रही थी। इससे अमेरिका के सैन्य भंडार में तेजी से हथियार कम हो रहे थे। ट्रंप सरकार ने बैठक के बाद इस प्रक्रिया पर रोक लगाने का फैसला लिया है। पीट हेगसेथ का कहना है कि उनकी पहली प्राथमिकता राष्ट्रीय की सुरक्षा है।

अमेरिका की सैन्य शक्ति पर पड़ा असर

यूक्रेन को हथियारों बड़ी तादाद में सप्लाई की जा रही थी। अमेरिका ने कई बड़े हथियार इस बीच यूक्रेन को दिए थे। बताया जाता है कि अमेरिका ने पिछले करीब तीन सालों में पैट्रियट और स्टिंगर एयर डिफेंस मिसाइलें, 155 मिमी आर्टिलरी गोले, GMLRS और हेलफायर जैसी मिसाइलों को यूक्रेन को दी है। इससे अमेरिका की सैन्य शक्ति पर असर पड़ने लगेगा।

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