जेन स्ट्रीट के खिलाफ अंतरिम आदेश कारण बताओ नोटिस नहीं, जांच जारी रहेगी- सेबी

Jane Street Crackdown: सेबी के सूत्रों ने कहा कि जेन स्ट्रीट ग्रुप से संबंधित सूचकांक हेरफेर मामले के खिलाफ अंतरिम आदेश, जिस पर बाजार नियामक ने 4,843.57 करोड़ रुपये की वसूली का आदेश पारित किया था, को कारण बताओ नोटिस नहीं माना जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अमेरिकी निवेश फर्म की जांच जारी रहेगी. बता दें कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) ने एक अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म ‘जेन स्ट्रीट ग्रुप’ (Jane Street Group) और उससे जुड़ी सभी संस्थाओं पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है. सेबी ने पाया कि जेन स्ट्रीट ने नियमों के खिलाफ जाकर गलत रणनीतियों के इस्तेमाल से इंडेक्स ऑप्शंस में 43,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का मुनाफा कमाया है.  सेबी सूत्रों के मुताबिक, यह अंतरिम आदेश कारण बताओ नोटिस नहीं है, Jane Street की जांच जारी रहेगी.

सूत्रों ने कहा, यह अंतरिम आदेश कोई कारण बताओ नोटिस नहीं है और यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि जेन स्ट्रीट की जांच जारी रहेगी. इस अंतरिम आदेश में केवल जांच अवधि (जनवरी 2023 से मार्च 2025) के दौरान समाप्ति के दिन प्रथम दृष्टया बैंकनिफ्टी इंडेक्स में हेरफेर के 18 प्रमुख दिनों और मई 2025 के दौरान समाप्ति के दिन निफ्टी सूचकांक में हेरफेर के 3 दिनों को ही देखा गया है.

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सूत्रों ने कहा कि आदेश में दो के अलावा अन्य समाप्ति दिनों, अन्य सूचकांकों (सभी एक्सचेंजों सहित) और अन्य संभावित पैटर्न की जांच जारी रखने की जरूरत होगी. सूत्रों ने जोर देकर कहा, यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि यह सब कितना समय ले सकता है – इसका दायरा काफी बड़ा है. इसके अलावा, सूत्रों ने कहा कि समूह के खिलाफ इस प्रवर्तन कार्रवाई से बाजार पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए.

Jane Street की जांच जारी रहेगी

  • BANKNIFTY में 18 दिन और मई 2025 में NIFTY में 3 दिन की prima facie हेरफेर की जांच हुई
  • जांच अवधि: जनवरी 2023 से मार्च 2025
  • अन्य एक्सपायरी, अन्य इंडेक्स व अन्य पैटर्न की जांच अभी बाकीहर एल्गो यूज़र अपने एल्गो के आउटपुट के लिए ज़िम्मेदार
  •  बाजार पर इस प्रवर्तन कार्रवाई का बड़ा असर नहीं, डेल्टा-आधारित लिमिट लागू
  • मौजूदा नियमों का बेहतर प्रवर्तन, खराब प्रवर्तन की भरपाई ज़्यादा नियम नहीं कर सकते
  • F&O फेज 2 परामर्श में हमने इंट्राडे लिमिट के प्रस्ताव को हटाया
  • हमें विश्वास था कि बेहतर निगरानी और प्रवर्तन से उद्देश्य पूरे हो सकते हैं
  • यह आदेश इसे स्पष्ट रूप से दर्शाता और रेखांकित करता है
  • हम भारतीय F&O बाज़ारों की निगरानी निवेशक सुरक्षा, बाज़ार स्थिरता और पूंजी निर्माण के दृष्टिकोण से करते रहेंगे
  • हाल के समय में समाप्ति के दिन इंडेक्स ऑप्शंस ट्रेडिंग में खुदरा भागीदारी कुछ हद तक कम हुई है
  • फिर भी लगभग 90% खुदरा निवेशक अब भी पैसे खोते हैं.

कैसे जेन स्ट्रीट ने हरेफारी के जरिए तगड़ा मुनाफा कमाया

सेबी के अनुसार, जेन स्ट्रीट और इसकी संबंधित संस्थाओं ने बैंक निफ्टी इंडेक्स को आर्टिफिशियल तरीके से बढ़ाने और घटाने के लिए एक इंट्रा-डे ट्रेडिंग रणनीति तैयार की. बाजार नियामक ने पाया कि 1 जनवरी, 2023 और 31 मार्च, 2025 के बीच, जेन स्ट्रीट और उसकी संस्थाओं ने 43,289 करोड़ रुपए का चौंका देने वाला मुनाफा कमाया, जो मुख्य रूप से बैंक निफ्टी ऑप्शन से था. यह मुनाफा कैश और फ्यूचर मार्केट में कीमतों में हेरफेर कर हासिल किया गया था.

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‘मार्किंग-द-क्लोज’ का मामला

सेबी के अनुसार, इस रणनीति में सुबह के कारोबारी घंटों के दौरान बैंक निफ्टी में शामिल शेयरों और फ्यूचर्स में खरीदारी की जाती थी, जिससे इंडेक्स ऊपर चढ़ जाता था. जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ता था, जेन स्ट्रीट आक्रामक तरीके से उन्हीं पोजीशन को बेच देता था, जिससे इंडेक्स नीचे चला जाता था.

सेबी ने आदेश में बताया कि इसकी टाइमिंग रैंडम नहीं थी. ये ट्रेड जानबूझकर मासिक समाप्ति तिथियों के आसपास किए गए थे, जब ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स का निपटान इंडेक्स के समापन मूल्य के आधार पर किया जाता है, इससे जेन स्ट्रीट को उनके द्वारा बनाए गए स्विंग से बड़े पैमाने पर लाभ मिल रहा था.

नियामक ने इसे ‘मार्किंग-द-क्लोज’ का एक क्लासिक मामला बताया, जहां एक ट्रेडर समाप्ति से ठीक पहले अपने स्वयं के डेरिवेटिव पोजीशन के पक्ष में अंतर्निहित इंडेक्स की कीमतों में हेरफेर करता है. केवल समाप्ति के दिन ही, वे बड़े पैमाने पर ट्रेड के साथ बाजार में प्रवेश करते हैं.

सेबी के आदेश में बताया गया, 17 जनवरी, 2024 की सुबह, जेन स्ट्रीट ने बैंक निफ्टी फ्यूचर्स में 4,370 करोड़ रुपए की आक्रामक तरीके से खरीददारी की और 32,115 करोड़ रुपए के बैंक निफ्टी ऑप्शंस को बेचा. दोपहर के बाद, इसने बैंक निफ्टी फ्यूचर्स में 5,372 करोड़ रुपए की आक्रामक तरीके से बड़ी मात्रा में बिकवाली की. इससे बैंक निफ्टी इंडेक्स ऑप्शंस सेगमेंट में 46,620 करोड़ रुपए की अधिकतम शॉर्ट पोजीशन बनी और बैंक निफ्टी में नरमी आई.

जेन स्ट्रीट ने ऑप्शन सेगमेंट में 735 करोड़ रुपए का लाभ कमाया, जबकि विदेशी फर्म को इस दौरान नकद और फ्यूचर्स में केवल 61.6 करोड़ रुपए का इंट्राडे घाटा हुआ. इस प्रकार, जेन स्ट्रीट ने एक ही दिन में 673.4 करोड़ रुपए का मुनमाफा कमाया.

सेबी के आदेश ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जेन स्ट्रीट लगातार भारतीय बाजार में लार्जेस्ट इंडेक्स ऑप्शन रिस्क को चला रहा था. नियामक ने आगे बताया कि अन्य बाजार प्रतिभागी, इस हेरफेर से अनजान थे. वे गलत तरीके से बढ़ाए या कम किए गए सूचकांक स्तरों से गुमराह हो गए और गलत कीमतों के आधार पर फैसले लेने लगे.

 4,843.5 करोड़ रुपए जमा करने का निर्देश

सेबी ने जेन स्ट्रीट और इसकी तीन संबंधित संस्थाओं – जेएसआई 2 इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड, जेन स्ट्रीट सिंगापुर पीटीई लिमिटेड और जेन स्ट्रीट एशिया ट्रेडिंग लिमिटेड को अगले नोटिस तक भारतीय प्रतिभूति बाजार तक पहुंचने से रोक दिया है. उनके बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं और उन्हें फिलहाल 4,843.5 करोड़ रुपए जमा करने का निर्देश दिया गया है. 

सेबी ने स्टॉक एक्सचेंजों को इन संस्थाओं द्वारा भविष्य में की जाने वाली गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखने का निर्देश दिया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे समान ट्रेडिंग पैटर्न का इस्तेमाल कर इस तरह की हेराफेरी को न दोहराएं.

जेन स्ट्रीट, 2000 में स्थापित एक ग्लोबल स्वामित्व वाली ट्रेडिंग फर्म है, जो दुनिया भर में ईटीएफ और ऑप्शन ट्रेडिंग में अपनी गहरी भागीदारी के लिए जानी जाती है.

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