प्रोटीन ईगॉव टेक्नोलॉजीज के शेयरों में बीते 3 महीनों में 39 फीसदी गिरावट आई है। इसमें इस खबर का बड़ा हाथ है, जिसमें यह कहा गया था कि पैन 2.0 आरएफपी सेलेक्शन प्रोसेस के अगले चरण के लिए कंपनी के नाम पर विचार नहीं किया गया है। इसके अलावा फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में कंपनी का प्रदर्शन खराब रहा। साल दर साल आधार पर नेट प्रॉफिट में 5 फीसदी गिरावट आई।
ऑल टाइम हाई से 60 फीसदी गिर चुका है स्टॉक
Protean eGov Technologies का स्टॉक 2,225 रुपये के अपने ऑलटाइम हाई से 60 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है। सवाल है कि इनवेस्टर्स को इस गिरावट के बाद क्या करना चाहिए? इस सवाल के जवाब के लिए पहले हमें यह समझना पड़ेगा कि PAN 2.0 प्रोजेक्ट्स के लिए नहीं चुने जाने का कंपनी पर कितना असर पड़ेगा। Income Tax Department ने पिछले साल अगस्त में एक रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल इश्यू किया था। इसमें ITD सिस्टम के डिजाइन, डेवलपमेंट, इंप्लिमेंटेशन और मेंटेनेंस के लिए मैनेज्ड सर्विस प्रोवाइडर्स (MSP) के सेलेक्शन के लिए बोलियां मंगाई गई थीं।
1435 करोड़ रुपये का है PAN 2.0 प्रोजेक्ट
PAN 2.0 प्रोजेक्ट का मकसद पैन सर्विसेज को कंसॉलिडेट करना है। इसमें ऑनलाइन अप्लिकेशन रिसीव करने, उसका वेरिफिकेशन और वैलिडेशन करने और फिर पैन कार्ड्स की प्रिंटिंग और डिस्पैच शामिल है। इसका मतलब है कि कंपनी को PAN 2.0 की टेक्नोलॉजी से लेकर बाद के सभी प्रोसेस को पूरा करना होगा। टेक्नोलॉजी में पहला काम प्लेटफॉर्म तैयार करना होगा, जिस पर कस्टमर्स सीधे अप्लाई कर सकेंगे। यह प्रोजक्ट 1,435 करोड़ रुपये का है।
कंपनी के रेवेन्यू पर पड़ेगा असर
पैन जारी करने में प्रोटीन की बाजार हिस्सेदारी अभी करीब 64 फीसदी है। FY25 में कुल 6.9 करोड़ पैन जारी किए गए, जिसमें से 4,4 करोड़ पैन प्रोटीन ने इश्यू किए। अभी देश में 54 करोड़ पैन कार्ड्स हैं। इसका मतलब है कि अभी आबादी के आधे से ज्यादा हिस्से के पास पैन नहीं है। जिस तरह से फाइनेंशियल इनक्लूजन बढ़ रहा है, उससे आगे बड़ी संख्या में पैन कार्ड्स जारी होंगे। इसका मतलब है कि PAN 2.0 का प्रोजेक्ट हाथ से फिसल जाने का प्रोटीन के रेवेन्यू पर असर पड़ेगा। कंपनी ने इस बारे में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से संपर्क किया है। जवाब का इंतजार है।
3 जुलाई को शेयर में 1 फीसदी की गिरावट
प्रोटीन के शेयरों की कीमतों में गिरावट के बाद वैल्यूएशन सही लेवल पर आ गई है। इसमें FY27 की अनुमानित अर्निंग्स के 25 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। वैल्यूएशन तो सही लेवल पर आ गई है, लेकिन अर्निंग्स को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। इसका मतलब है कि शॉर्ट टर्म में शेयर की कीमतें सीमित दायरे में बनी रहेंगी। ऐसे में निवेशकों को कंपनी के रेवेन्यू के मामले में स्थिति साफ होने तक इंतजार करना चाहिए। 3 जुलाई को कंपनी के शेयर 1 फीसदी गिरकर 844 रुपये पर बंद हुए।
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