Explainer: क्या हैं भारत रत्न देने के नियम? जो केवल एक विदेशी नेता को मिला, 28 देशों से PM मोदी को मिले सर्वोच्च नागरिक सम्मान

Global Honors And Bharat Ratna: विदेश यात्रा के दौरान गुरुवार को घाना के राष्ट्रपति महामा ने पीएम नरेन्द्र मोदी को घाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना” से सम्मानित किया। यह पहला मौका नहीं है जब किसी देश ने पीएम मोदी को अपने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया हो। अब तक पीएम मोदी को 28 देशों ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया है।

मोदी इतने देशों का सर्वोच्च सम्मान पाने वाले पहले नेता बन गए हैं। लेकिन भारत ने अब तक केवल 3 विदेशियों को ही भारत रत्न से सम्मानित किया है। हालांकि ऐसा कोई नियम नहीं है कि भारत रत्न केवल भारतीय नागरिक को ही मिल सकता है।

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भारत ने साल 1990 में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। इसके बाद से किसी विदेशी को यह सम्मान नहीं दिया गया। सूत्रों की मानें तो किसी विदेशी को भारत रत्न दिया जा सकता है, अगर उसने भारत या भारतीयों के लिए असाधारण योगदान दिया हो।

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केवल 3 गैर-भारतीयों को मिला है ‘भारत रत्न’

अब तक केवल 3 गैर भारतीयों को ही भारत रत्न दिया गया है। मदर टेरेसा को 1980, दक्षिण अफ़्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला को 1990 और अब्दुल गफ्फार खान को 1987 में इस सम्मान से सम्मानित किया गया था। तब से किसी विदेशी को यह सम्मान नहीं दिया गया। भारत में मदर टेरेसा नेचुरलाइज्ड भारतीय हो चुकी थीं। वहीं अब्दुल गफ्फार खान को बतौर स्वतंत्रता सेनानी पुरस्कृत किया गया था, लेकिन तब वो पाकिस्तान में बस चुके थे। नेल्सन मंडेला को अश्वेतों के समान अधिकारों की ग्लोबल लड़ाई के सम्मानित किया गया था।

क्या हैं भारत रत्न देने के नियम?

सर्वोच्च नागरिक सम्मान’भारत रत्न’ देने की शुरुआत 2 जनवरी 1954 से हुई। कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिए यह सम्मान दिया जाता है। सबसे पहला भारत रत्न स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और वैज्ञानिक डॉ. चंद्रशेखर वेंकट रमन को दिया गया था। साल 1966 के बाद यह यह सम्मान मरणोपरांत भी दिया जाने लगा।

अब तक मोदी को इन देशों से मिले सर्वोच्च पुरस्कार

अब तक पीएम मोदी को 24 देशों से सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया जा चुका है। साल 2015 में सबसे पहले सऊदी अरब ने ‘द किंग अब्दुल्लाजीज साश’ सम्मान देकर सम्मानित किया था। इसके अलावा साउथ कोरिया, फिजी, डोमिनिकन, मॉरिशस, ब्राजील, गुएना, श्रीलंका, भूटान, पापुआ न्यू गिनी, नाइजीरिया, जापान, रिपब्लिक, साइप्रस, ब्रुनेई, ग्रीस, अमेरिका, रूस, माल्टा, ब्राजील, बार्बाडोस से सम्मान मिला है। जबकि आठ मुस्लिम देशों अफगानिस्तान, बहरीन, कुवैत, फिलिस्तीन, संयुक्त अरब अमीरात, मालदीव और मिस्र ने मोदी को सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया है।

क्या है भारत रत्न देने की प्रक्रिया?

भारत रत्न सम्मान के लिए सभी व्यक्ति जाति, व्यवसाय, पद और लिंग के भेदभाव के बिना पात्र हैं। भारत रत्न सम्मान के लिए किसी औपचारिक सिफारिश की जरूरत नहीं होती है। भारत के प्रधानमंत्री किसी भी व्यक्ति की सिफारिश राष्ट्रपति से कर सकते हैं। एक साल में सिर्फ़ तीन भारत रत्न ही दिए जा सकते हैं। हालांकि सरकार हर साल भारत रत्न सम्मान देने के लिए बाध्य नहीं है। अब तक कुल 48 लोगों को भारत रत्न सम्मान दिया जा चुका है।

भारत रत्न के क्या-क्या फायदे हैं?

भारत रत्न प्राप्त करने वालों को एक प्रमाणपत्र और एक मेडल दिया जाता है। इसमें कोई आर्थिक राशि नहीं मिलती हैं लेकिन सरकारी सुविधाएं जरूर मिलती हैं।
– डिप्लोमैटिक पासपोर्ट मिलता है।
– अहम सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए न्योता मिलता है।
– सरकारी कार्यक्रम में वरीयता के लिए वॉरंट ऑफ़ प्रेसिडेंस मिलता है।
– देश के किसी भी राज्य में जाने पर राज्य अतिथि का दर्जा मिलता है।
– रेलवे में प्रथम श्रेणी में मुफ़्त यात्रा।
– एयर इंडिया की एग्जीक्यूटिव क्लास में मुफ्त यात्रा।

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