एशियन पेंट्स के खिलाफ CCI का बड़ा एक्शन; बिड़ला समूह की शिकायत पर जांच शुरू, दबदबे के दुरुपयोग का आरोप – asian paints faces cci probe for dominance abuse after birla complaint

Asian Paints CCI probe: भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने 1 जुलाई को एशियन पेंट्स के खिलाफ ‘दबदबे का दुरुपयोग’ (abuse of dominance) मामले में औपचारिक जांच का आदेश दिया है। यह कार्रवाई बिड़ला समूह की यूनिट Birla Opus Paints की शिकायत के बाद की गई है। इसमें आरोप लगाया गया है कि एशियन पेंट्स ने बाजार में अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग करते हुए प्रतिस्पर्धा को दबाने की कोशिश की।

एशियन पेंट्स पर क्या हैं आरोप?

बिड़ला पेंट्स का आरोप है कि एशियन पेंट्स अपने डिस्ट्रीब्यूटरों के साथ अनुबंध में ऐसे प्रतिबंधात्मक शर्तें जोड़ रही है, जिससे वे बिड़ला ओपस पेंट्स के प्रोडक्ट्स नहीं बेच सकें।

शिकायत में यह भी कहा गया है कि जो डीलर केवल एशियन पेंट्स के साथ एक्सक्लूसिव डील कर रहे हैं, उन्हें विशेष छूट, विदेश यात्राओं की प्रायोजन जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। वहीं जो डीलर दोनों कंपनियों के प्रोडक्ट बेच रहे हैं, उन्हें एशियन पेंट्स टारगेट कर रही है। जैसे कि क्रेडिट लिमिट घटाना, टारगेट बढ़ाना और कंज्यूमर लीड्स कम देना।

अक्टूबर 2023 की एक घटना का हवाला

बिड़ला पेंट्स ने एक खास घटना का भी जिक्र किया है। इसके मुताबिक, अक्टूबर 2023 में मुंबई के ITC मराठा होटल में एशियन पेंट्स ने एक वेंडर मीट की थी। इसमें 150 से अधिक वेंडर शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम में एशियन पेंट्स के CEO ने कथित रूप से कहा कि जो भी वेंडर बिड़ला पेंट्स को सप्लाई करेगा, उसका एशियन पेंट्स के साथ व्यापार हिस्सा घटा दिया जाएगा। इतना ही नहीं, उन्हें बिड़ला पेंट्स को उच्च कीमतों पर ही सप्लाई करने के निर्देश भी दिए गए।

CCI की शुरुआती राय

CCI का कहना है कि प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर ऐसा प्रतीत होता है कि एशियन पेंट्स कुछ जरूरी सेवाओं और संसाधनों की आपूर्ति को प्रतिबंधित कर रहा था। इससे बिड़ला समूह की नई पेंट यूनिट को बाजार में स्थापित होने में बाधा आई। अब मामले की औपचारिक जांच CCI के डायरेक्टर जनरल ऑफ इन्वेस्टिगेशन (DGI) द्वारा की जाएगी। इसे 90 दिनों के भीतर पूरा किया जाना है।

पहले भी कार्रवाई कर चुका है CCI

भारत का प्रतिस्पर्धा कानून ऐसे सभी मामलों में कंपनियों के खिलाफ एक्शन लेता है, जहां एकाधिकार या बाजार में दबदबे का दुरुपयोग कर प्रतिस्पर्धियों को रोका जाए। CCI इससे पहले गूगल और ओयो रूम्स जैसे मामलों में भी प्रतिबंधात्मक अनुबंधों के खिलाफ कार्रवाई कर चुका है।

बाजार हिस्सेदारी में एशियन पेंट्स सबसे आगे

Centre for Monitoring Indian Economy (CMIE) के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में एशियन पेंट्स की भारतीय बाजार में हिस्सेदारी 39.05% थी, जो सबसे अधिक है। दूसरे नंबर पर बर्जर पेंट्स (12.13%) और फिर कंसाई नेरोलैक और एक्जो नोबेल इंडिया हैं, जिनकी हिस्सेदारी 10% से कम है।

दोनों कंपनियों के शेयरों का हाल

1 जुलाई को एशियन पेंट्स का शेयर 1.17% चढ़कर ₹2,368.85 पर बंद हुआ। वहीं, Birla Opus Paints का संचालन करने वाली ग्रासिम इंडस्ट्रीज का शेयर 0.43% बढ़कर ₹2,859.30 पर बंद हुआ। प्रतिष्ठित ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने हाल ही में ग्रासिम को ‘ओवरवेट’ रेटिंग दी है और शेयर का टारगेट प्राइस भी बढ़ाया है।

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Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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