Delhi court rejects story of suicide Husband gets rigorous life imprisonment for killing wife ann

Delhi News: दिल्ली की साकेत कोर्ट ने साल 2013 में अपनी पत्नी की हत्या के दोषी पाए गए एक व्यक्ति को कठोर उम्र कैद की सजा सुनाई है. साकेत कोर्ट के एडिशनल सेशन जज राकेश कुमार ने आरोपी सत्येंद्र पाल को आईपीसी की धारा 302 के तहत दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई. साकेत कोर्ट ने अपने आदेश में कहा की अपराधी को आईपीसी की धारा 302 के तहत अपराध करने का दोषी पाया गया और उसे कठोर उम्र कैद और 50 हजार जुर्माना भी अदा करने की सजा सुनाई जाती है.

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, सत्येंद्र पाल ने 7 जून 2013 को अपनी पत्नी विमलेश की दुपट्टे से गला घोट कर हत्या कर दी थी. वहीं आरोपी ने यह दावा किया कि उसकी पत्नी मानसिक बीमारी से परेशान थी और उसने सुसाइड कर लिया था. हालांकि साकेत कोर्ट ने इस दावे को खारिज कर दिया और कहा यह मामला साफ तौर से हत्या का है ना की सुसाइड का. कोर्ट ने कहा कि घटनास्थल पर टूटी चूड़ियों के टुकड़े और शरीर पर चोट के निशान साफ संकेत देते हैं कि मृतका ने आखिरी क्षणों में विरोध किया था. 

पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनी मुख्य वजह 
मृतका के शव के फोटो और पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से यह स्पष्ट हुआ कि गले पर जो निशान पाए गए वह सामान्य फांसी के नहीं बल्कि गला घोटने के हैं . साकेत कोर्ट ने कहा कि सत्येंद्र पाल सिंह के अपनी पत्नी के रिलेशन सही नही थे. और घटना से पहले वह आख़िरी बार अपनी पत्नी के साथ देखे गए थे.

ऐसे में यह उसका कर्तव्य बनता है कि वह उसकी मौत के हालातों की कोई ठोस सफाई दे. लेकिन आरोपी इस सवाल का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया. 

पुलिस के सबूत बने सजा का आधार 
कोर्ट ने तमाम सबूतों को देखते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस ने जब इस पूरे मामले में जांच की तो हत्या में प्रयोग किया गया दुपट्टा भी आरोपी के पास से बरामद हुआ और यह सिद्ध हो चुका है कि मृतका के शरीर पर जो चोट के निशान थे. जो इस दुपट्टे से दिए जा सकते हैं. साकेत कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने आरोपी के खिलाफ आरोप को संदेह से परे साबित किया और आरोपी द्वारा इस मामले में सुसाइड की कहानी कोर्ट के समक्ष पेश सबूतों के आधार नही मानी जा सकती हैं.

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