Market Views: बाजार की चाल आगे कैसी रह सकती है और बंधन इनोवेशन फंड (Bandhan Innovation Fund) के बारे में विस्तार से सीएनबीसी-आवाज से बातचीत करते हुए बंधन एएमसी (Bandhan AMC) के VP-Equities प्रतीक पोदार (Prateek Poddar) ने कहा कि आधा साल बहुत ही उतार-चढ़ाव वाला रहा । ग्लोबल निवेशकों के लिए भारत की अहमियत है। भारतीय बाजर में स्ट्रेंथ, स्टेबिलिटी और डिमांड देखने को मिली। बैंक, सरकार, कॉरपोरेट्स, रिटेल सभी की स्थिति मजबूत है। पॉलिटिकल स्टेबिलिटी और महंगाई दोनों स्थिर हैं। आगे टैक्स कट्स और ब्याज दरों में कटौती का फायदा होगा। अच्छे मॉनसून से भी रूरल इकोनॉमी को फायदा मिलेगा।
उन्होंने आगे कहा कि फेस्टिवल में कंजम्पशन में बढ़ोतरी होगी। अक्टूबर से दिसंबर के बीच कंजम्पशन बढ़ने की उम्मीद है। कंजम्पशन सेक्टर के बढ़िया करने की उम्मीद है। अगले साल पे कमीशन की वजह से भी खर्च बढ़ेगा। खपत बढ़ेगी तो निवेश चक्र दोबारा शुरू होगा। अगले 3–4 महीनों थोड़ा उतार-चढ़ाव संभव है। बाजार में अब बड़ी गिरावट की संभावना कम है।
इनोवेशन फंड किस तरीके का फंड? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने ग्रोथ बढ़ाने में इनोवेशन का बड़ा रोल है। मार्केट कैप क्रिएशन के लिए जरूरी है। प्रोडक्ट, प्रोसेस, सर्विस, सॉल्यूशन लेवल पर इनोवेशन हुआ। ग्रोथ बढ़ाने वाले सेक्टर पर फोकस है जबकि रिसर्च और डेवलपमेंट पर बेस्ड है। इनोवेशन किसी कंपनी के लिए मजबूत ग्रोथ ड्राइवर है। छोटे-छोटे स्टार्टअप इनोवेशन के सहारे बड़ी कंपनियां बनी है। इनोवेशन से कंपनी की ग्रोथ पर असर पड़ेगा। इनोवेशन के जरिये कंपनियां ग्रोथ को आगे बढ़ाती हैं। रेडिकल, डिसरप्टिव, इंक्रीमेंटल इनोवेशन है। ये एक तरीके का थीमैटिक फंड है।
एलोकेशन की स्ट्रैटेजी? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि 50% तक का एक्सपोजर स्मॉलकैप में है जबकि लार्जकैप में 25% तक का एक्सपोजर लिया। मिडकैप में 25% तक का एक्सपोजर लिया।
किस सेक्टर में फोकस? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हेल्थकेयर, कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और टेक्नोलॉजी थीम पर हमारा फोकस है। हेल्थकेयर में क्रोनिक और सब क्रोनिक डिजीज वाली कंपनियां पसंद है। हेल्थकेयर में CDMO कंपनियों पर फोकस है। वहीं मैन्युफैक्चरिंग में एनर्जी ट्रांजिशन थीम और फॉसिल फ्यूल से रिन्यूएबल थीम पर फोकस है। भारत में एक ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की संभावनाएं है।
वहीं कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी सेक्टर में प्रीमियमाइजेशन थीम पर फोकस है। महंगे और बेहतर प्रोडक्ट की मांग बढ़ी है जबकि होम डिलीवरी जैसी सुविधाओं की बढ़ती मांग इस सेक्टर के लिए बेहतर है। कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी में 20% से ज्यादा हमारा एलोकेशन है।
उन्होंने आगे कहा कि कमोडिटी में कम एक्सपोजर है। कुछ फाइनेंशियल सर्विसेज में अंडरवेट नजरिया है। लार्जकैप IT में कम एक्सपोजर है।
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