Andhra Pradesh professor cyber-cheated Lost nearly 2 crore rupees through WhatsApp

Whatsapp Cyber Fraud: साइबर ठगी का एक और मामला सामने आया है जिसमें आंध्र प्रदेश के एक रिटायर्ड प्रोफेसर करीब 2 करोड़ रुपये की भारी रकम गवां बैठे. ये धोखाधड़ी एक व्हाट्सएप ग्रुप के ज़रिए की गई, जिसमें उन्हें निवेश से जुड़े फायदे का लालच देकर फंसाया गया.

जाने-माने प्रोफेसर को बनाया निशाना

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित प्रोफेसर डॉ. एम. बैटमैनाबने मुनिस्सामी, जो पहले पांडिचेरी स्थित JIPMER में निदेशक और प्रोफेसर रह चुके हैं, उन्होंने 18 जून को इस ठगी की शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप ‘H-10 Nuvama Health Group’ में जोड़ा गया था. ग्रुप में दावा किया गया कि यहां से निवेश से जुड़े इनसाइडर टिप्स और एक्सपर्ट गाइडेंस दी जाएगी. चूंकि प्रोफेसर पहले से ही “नुवामा फंड्स” (पहले Edelweiss के नाम से जाना जाता था) में निवेश कर चुके थे, उन्होंने इस ग्रुप को असली मान लिया.

‘कंगना’ के नाम से महिला ने रचा जाल

कुछ ही समय में, एक महिला ने खुद को “कंगना” बताकर प्रोफेसर से निजी चैट में संपर्क किया. उसने दावा किया कि वह नुवामा की ओर से बात कर रही है और एक वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करने को कहा. यह वेबसाइट असली नुवामा फंड्स जैसी दिख रही थी लेकिन पूरी तरह फर्जी थी.

प्रोफेसर ने 19 अप्रैल को पहले 10,000 रुपये निवेश किए और उन्हें 13,000 रुपये का लाभ दिखाया गया. इस छोटे से मुनाफे ने उनके भरोसे को और मज़बूत कर दिया.

2 करोड़ की ठगी, 35 करोड़ का झांसा

इसके बाद पांच हफ्तों में उन्होंने लगभग 1.9 करोड़ रुपये अलग-अलग बार निवेश कर दिए, यह सोचकर कि वे हाई परफॉर्मिंग स्टॉक्स में पैसा लगा रहे हैं. मई के अंत तक, उस फर्जी वेबसाइट पर उनके खाते में 35 करोड़ रुपये दिखाए गए. जब उन्होंने 5 करोड़ रुपये निकालने की कोशिश की, तो पहले 32 लाख रुपये की प्रोसेसिंग फीस मांगी गई, फिर इसे घटाकर 25% कर दिया गया. उम्मीद में कि कुछ रकम वापस मिल जाए, उन्होंने 7.9 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए, लेकिन फिर भी रकम नहीं मिली.

ठगी का एहसास और पुलिस की मदद

परेशान होकर उन्होंने दोबारा संपर्क किया तो उन्हें एक और व्यक्ति से जोड़ा गया, जो खुद को “आशीष केहैर” नामक सीनियर अफसर बता रहा था. लेकिन धोखाधड़ी जारी रही और अंत में प्रोफेसर को समझ आ गया कि उनके साथ बड़ा धोखा हुआ है. तब जाकर उन्होंने पुलिस में शिकायत की.

सावधान रहें

यह कोई पहला मामला नहीं है. बीते कुछ वर्षों में हजारों लोग ऐसे झूठे निवेश के जाल में फंसकर लाखों-करोड़ों रुपये गवां चुके हैं. विशेषज्ञों की सलाह है कि किसी भी सोशल मीडिया विज्ञापन या व्हाट्सएप ग्रुप के बहकावे में न आएं, खासकर जब मुनाफा “बहुत अच्छा” लग रहा हो. याद रखें, असली वित्तीय संस्थान व्हाट्सएप पर इस तरह निवेश सलाह नहीं देते. अनजान नंबरों या ग्रुप्स से आने वाले मैसेजेस को लेकर हमेशा सतर्क रहें.

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