how down syndrome occur due to changes in chromosome many children suffer from disease

Down Syndrome Symptoms: एक परिवार में नया जीवन जन्म लेता है, मां-बाप की आंखों में सपने, चेहरे पर मुस्कान और दिल में ढेरों उम्मीदें. लेकिन जैसे-जैसे बच्चा थोड़ा बड़ा होता है, माता-पिता को एहसास होने लगता है कि उसका विकास सामान्य बच्चों से थोड़ा अलग है. बोलने में देरी, चेहरे की बनावट कुछ अलग और सीखने में समय लगना, डॉक्टर जांच करते हैं और रिपोर्ट में आता है एक नाम, डाउन सिंड्रोम. यह सुनते ही माता-पिता की दुनिया जैसे थम जाती है.  क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ये डाउन सिंड्रोम होता क्या है और क्यों होता है? इसका संबंध हमारे शरीर की सबसे बुनियादी चीज क्रोमोसोम से क्यों होता है?

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क्या होता है डाउन सिंड्रोम?

डाउन सिंड्रोम एक जेनेटिक डिसऑर्डर है जो तब होता है जब बच्चे के शरीर में क्रोमोसोम की सामान्य संख्या से एक क्रोमोसोम अधिक होता है. सामान्य रूप से हर इंसान के शरीर में 46 क्रोमोसोम होते हैं, लेकिन डाउन सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों में 47 क्रोमोसोम की एक अतिरिक्त कॉपी होती है. इस अतिरिक्त क्रोमोसोम की वजह से बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास पर प्रभाव पड़ता है.

क्रोमोसोम में बदलाव कैसे होता है?

यह बदलाव गर्भधारण के समय ही हो जाता है, जब अंडाणु और शुक्राणु मिलते हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार, यह एक प्राकृतिक त्रुटि होती है, जिसे Trisomy 21 कहा जाता है. यह कोई बीमारी नहीं है जो संक्रमण से हो, न ही यह माता-पिता की किसी गलती से होता है.

डाउन सिंड्रोम से प्रभावित बच्चों में क्या लक्षण हो सकते हैं?

चेहरे की विशिष्ट बनावट (छोटी आंखें, चपटा चेहरा, छोटी गर्दन)

सीखने और बोलने में देरी

मांसपेशियों की कमजोरी

दिल की समस्याएं

छोटे कद और हाथ-पैर

क्या ऐसे बच्चे सामान्य जीवन जी सकते हैं?

थोड़ी अतिरिक्त देखभाल, विशेष शिक्षा और भावनात्मक सहयोग से डाउन सिंड्रोम से प्रभावित बच्चे एक खुशहाल और सक्रिय जीवन जी सकते हैं. वे स्कूल जा सकते हैं, खेल सकते हैं, कला सीख सकते हैं और कई बार तो नौकरी भी कर सकते हैं.

डाउन सिंड्रोम कोई अभिशाप नहीं है, यह सिर्फ एक जैविक स्थिति है. सही जानकारी, समय पर इलाज और भावनात्मक समर्थन से ऐसे बच्चों को न सिर्फ बेहतर जीवन मिल सकता है, बल्कि वे समाज में सम्मान के साथ अपना स्थान भी बना सकते हैं.

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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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