
पुरी उड़ीसा में आज यानी 27 जून 2025 से जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू हो चुकी है. ऐसे में जगन्नाथ रथ यात्रा से जुड़े पांच रोचक रहस्य जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे.

जगन्नाथ रथ यात्रा पुरी में कुल 11 दिनों तक चलती है. जिसमें भगवान जगन्नाथ अपनी मौसी के घर जिसे (गुंडिचा मंदिर भी कहते हैं) जाते हैं. और जगन्नाथ जी की वापसी यात्रा को बहुड़ा यात्रा कहते हैं.

पुरी में भगवान जगन्नाथ के साथ बलभद्र और सुभद्रा की रथ यात्रा भी निकाली जाती है. तीनों रथ की लंबाई, नाम और रंग अलग-अलग होता है.

जगन्नाथ यात्रा के लिए बनाई जाने वाली रथ हर साल नई लकड़ियों से बनाई जाती है. पुरानी रथ यात्रा का इस्तेमाल दोबारा नहीं किया जाता है. इसे पवित्रता का प्रतीक माना जाता है.

जगन्नाथ रथ यात्रा को लेकर कहा जाता है कि जब तक भक्त भक्ति भाव से जयकारे नहीं लगाते हैं, रथ टस से मस नहीं होता है. चाहे रथ हिलाने की लाख कोशिश क्यों न कर ली जाए.

आपको जानकर हैरानी होगी कि रथ यात्रा से करीब एक सप्ताह पहले ही मंदिर के द्वार बंद हो जाते हैं. माना जाता है कि इस दौरान भगवान जगन्नाथ को तेज बुखार आता है. और वो विश्राम करते हैं ताकि रथ यात्रा के लिए ऊर्जा प्राप्त कर सकें.
Published at : 27 Jun 2025 09:40 PM (IST)
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