X पर एक पोस्ट में US Embassy in India ने यह बताया है कि DS‑160 फॉर्म (जिसे अधिकतर नॉन‑इमिग्रेंट वीजा के लिए भरना पड़ता है) में पिछले 5 सालों के सभी सोशल मीडिया हैंडल (Facebook, X, Instagram, LinkedIn, TikTok आदि) शामिल करना अनिवार्य है। एम्बेसी के मुताबिक, “Every U.S. visa adjudication is a national security decision,” यानी वीजा दिया जा रहा है या नहीं यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला भी है।
Visa applicants are required to list all social media usernames or handles of every platform they have used from the last 5 years on the DS-160 visa application form. Applicants certify that the information in their visa application is true and correct before they sign and… pic.twitter.com/ZiSewKYNbt
— U.S. Embassy India (@USAndIndia) June 26, 2025
यह नियम 2019 से लागू है, लेकिन अब अमेरिकी एम्बेसी ने इसे जोर-शोर से लागू करना शुरू किया है। चौकाने वाली बात यह है कि सिर्फ सोशल मीडिया यूजरनेम देना ही अब काफी नहीं, प्रोफाइल को पब्लिक विजिबिलिटी में रखना होगा ताकि कांसुलर अफसर एप्लिकेंट के पोस्ट्स, लाइक्स, कमेंट्स सब देख सकें।
अगर एप्लिकेंट की कोई प्रोफाइल प्राइवेट है, या उसने उसे वीजा फॉर्म से हटा लिया है, तो यह माना जाएगा कि वह कुछ छिपा रहा है और इसका नतीजा उसका वीजा एप्लीकेशन का इनस्टैंट रिजेक्शन या भविष्य के वीजा के लिए इनएलिजिबिलिटी हो सकता है।
विशेषकर F (स्टूडेंट), M (वोकैशनल स्टूडेंट्स) और J (एक्सचेंज विजिटर्स) वीजा के लिए यह स्ट्रिक्ट गाइडलाइन है। एम्बेसी ने कहा है कि यह उन के लिए अहम है क्योंकि यह वेरिफिकेशन और नेशनल सिक्योरिटी चेक प्रोसेस का हिस्सा है।
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