Share Market Crash: भारतीय शेयर बाजारों में आज 23 जून की सुबह जब बाजार खुला तो जबरदस्त गिरावट देखने को मिली थी। दिन में एक समय सेंसेक्स 918 अंकों तक लुढ़क गया था। लेकिन जैसे जैसे कारोबारी दिन आगे बढ़ा इसमें रिकवरी आती रही। कारोबार के अंत में बीएसई सेंसेक्स 511.38 अंक या 0.62 फीसदी की गिरावट के साथ 81,896.79 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 140.50 अंक या 0.56 फीसदी फिसलकर 24,971 के स्तर पर बंद हुआ। जबकि कारोबार के दौरान यह भी एक समय 24,829 अंकों तक फिसल गया था। पश्चिम एशिया में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के चलते निवेशकों ने बिकवाली की।
निफ्टी पर इंफोसिस, श्रीराम फाइनेंस, जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और विप्रो जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयरों में 3% तक की गिरावट देखी गई।
शेयर बाजार की इस गिरावट के पीछे 6 बड़े कारण रहे-
1. कच्चे तेल की कीमतों में उछाल
ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स का भाव लगभग 2% चढ़कर 78 डॉलर प्रति बैरल के आसपास कारोबार कर रहा है। वहीं WTI क्रूड का भाव 1.7% बढ़कर 75 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया है। अमेरिका की ओर से ईरान के तीन परमाणु फैसिलिटी पर हवाई हमले किए जाने के बाद ग्लोबल लेवल पर क्रूड की सप्लाई बाधित होने की आशंका जताई जा रहा है। इसके अलावा ईरान की संसद ने होरमुज जलडमरूमध्य को बंद करने के प्रस्ताव का समर्थन किया है, जो पूरी दुनिया के लिए ऑयल शिपमेंट का एक अहम रास्ता है। भारत अपनी तेल जरूरतों का बड़ा हिस्सा आयात करता है, इसलिए कीमतों का बढ़ना भारतीय इकोनॉमी के लिए अच्छा नहीं माना जाता है।
2. वोलैटिलिटी इंडेक्स (India VIX) में उछाल:
शेयर बाजार के निवेशकों में मौजूद घबराहट का संकेत देने वाला इंडेक्स, India VIX सोमवार को 5% चढ़कर 14.34 पर पहुंच गया। यह बताता है कि भू-राजनीतिक अनिश्चितता के चलते निवेशकों में घबराहट बढ़ी है।
3. पश्चिम एशिया में तनाव
अमेरिका ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं। इजराइल-ईरान संघर्ष में अमेरिका के इस तरह खुलकर शामिल होने के चलते पूरे मिडिल ईस्ट में तनाव गहरा गया है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, वी के विजयकुमार ने कहा, “भले ही ईरान की तीन परमाणु सुविधाओं पर अमेरिकी बमबारी ने पश्चिम एशिया में संकट को और बढ़ा दिया है, लेकिन शेयर बाजार पर इसका प्रभाव सीमित रहने की संभावना है। होर्मुज जलडमरूमध्य के बंद होने की संभावना हमेशा से ही एक खतरा रही है, लेकिन इसे वास्तव में अभी तक कभी बंद नहीं किया गया है।”
4. कमजोर ग्लोबल संकेत
भारतीय शेयर बाजारों के खुलने से पहले अधिकतर एशियाई बाजार गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। साउथ कोरिया का कोस्पी, जापान का निक्केई 225 और हांगकांग का हैंगसेंग लाल निशान में थे। अमेरिका के बाजार भी शुक्रवार को कमजोरी के साथ बंद हुए थे और वॉल स्ट्रीट फ्यूचर्स भी आज सुबह लाल निशान में रहा। इसके चलते भारतीय शेयर बाजार का सेंटीमेंट आज कमजोर रहा।
5. भारतीय रुपये पर दबाव
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में 17 पैसे टूटकर 86.72 पर पहुंच गया। कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट के चलते रुपए पर दबाव बना है।
6. आईटी शेयरों में बिकवाली
आईटी कंपनियों के शेयरों में आज तगड़ी गिरावट देखने को मिली। निफ्टी आईटी इंडेक्स आज1 % से अधिक लुढ़क गया। इंफोसिस, HCL टेक और TCS के शेयर 3% तक टूट गए। इस गिरावट की सबसे मुख्य वजह रही दिग्गज अमेरिकी आईटी कंपनी एक्सचेंर के मई तिमाही के कमजोर नतीजे। एक्सचेंर का मई तिमाही में रेवेन्यू ग्रोथ सालाना आधार पर 7 फीसदी रहा, लेकिन उसने आगे ग्रोथ को लेकर अनिश्चितता जताई है।
एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ मार्केट स्ट्रैटजिस्ट आनंद जेम्स के मुताबिक, “शुक्रवार को आई तेज उछाल के बावजूद, क्लोजिंग के समय ऊंचाइयों से आई गिरावट यह संकेत देती है कि 25,000 के स्तर के पास फिर से हिचकिचाहट दिखी है, जो पहले भी देखने को मिली थी।”
उन्होंने आगे कहा, “ऊपरी स्तर 25,200–25,460 के दायरे में सीमित दिखाई दे रहे हैं। निफ्टी ऊपरी बोलिंजर बैंड के करीब है और ADX 13.2 पर है, जिससे संकेत मिलता है कि मोमेंटम की कमी है। अगर इंडेक्स 25,045 के ऊपर टिकने में असफल रहता है, तो इसमें गिरावट आ सकती है। हालांकि फिलहाल गिरावट के 24,865/24,827 से नीचे जाने की संभावना कम है। अगर निफ्टी 24,500–24,440 के नीचे फिसलता है तो ट्रेंड का दोबारा आकलन करना पड़ेगा।”
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