Ambubachi mela 2025 start Kamakhya temple Maa Kamakhya menstruation for 3 days ann

Maa Kamakhya: मां कामाख्या धाम गुवाहाटी में तीन दिवसीय अंबुबाची महोत्सव 22 जून 2025 यानी आज से प्रारंभ हो गया है. यह महोत्सव असम के गुवाहाटी के अलावा यूपी के फिरोजाबाद में भी मनाया जाता है. फिरोजाबाद जनपद की जसराना तहसील मुख्यालय पर स्थित मां कामाख्या के मंदिर में अंबुबाची महोत्सव मनाया जाता है. अंबुबाची महोत्सव के दौरान तीन दिन मां कामाख्या के मंदिर के सभी पट बंद कर दिए जाते हैं, क्योंकि 3 दिन तक मां रजस्वला स्थिति अर्थात मासिक धर्म में होती है.

जसराना में स्थित कामाख्या देवी की स्थापना अक्टूबर 1984 में की गई थी, इस मंदिर की स्थापना पीठाधीश्वर महाराज माधवानंद ने की थी उनके गोलोक गमन के बाद अब उनके शिष्य महेश ब्रह्मचारी मां कामाख्या की सेवा में रहते हैं. मंदिर के महंत महेश ब्रह्मचारी के मुताबिक मां की प्रतिमा की प्रतिष्ठा के बाद लगातार 41 दिन तक उनके चरणों से जल की धारा बहती रही, शुरुआती दिनों में तो ऐसा लगता था जैसे कोई जल का पात्र पास में रखा हुआ है.

उसके अंदर से यह जल निकल रहा हो लेकिन इस संशय को दूर करने के लिए सभी पात्र प्रतिमा से अलग कर दिए गए, लेकिन फिर भी जल की धारा बहती रही इससे यह सिद्ध हो गया कि साक्षात मां कामाख्या यहां प्रतिष्ठित हुई है और उनका वास यहां है. तभी से यहां अंबुबाची महोत्सव भी शुरू हुआ है,. इस महोत्सव के दौरान तीन दिन मंदिर के सभी कपाट पूरी तरह से बंद कर दिए जाते हैं. क्योंकि 3 दिन मां अपने वार्षिक मासिक धर्म की  स्थिति में होती है और 3 दिन बाद यह कपाट खोले जाते हैं.

 देवी के विश्राम का होता है समय

अंबुबाची मेला को देवी के विश्राम का समय माना जाता है. इसलिए इस समय मंदिर के गर्भगृह के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और 3 दिनों तक मां के दर्शन-पूजन नहीं होते. चौथे दिन मां का शुद्धि स्नान कराया जाता है और मंदिर के कपाट खोल दिए जाते हैं.

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