विदेशी ब्रोकरेज फर्म जेफरीज के ग्लोबल हेड (इक्विटी स्ट्रेटेजी) क्रिस्टोफर वुड ने हाई वैल्यूएशन को मार्केट के लिए बड़ा रिस्क बताया है। उनका मानना है कि खासकर मिडकैप स्टॉक्स की वैल्यूएशन ज्यादा है और आईपीओ के जरिए मार्केट में शेयरों की अचानक सप्लाई बढ़ गई है जो इंडियन स्टॉक मार्केट्स के लिए बड़ा रिस्का है। उन्होंने ग्रीड एंड फीयर नाम के अपने इनवेस्टर्स नोट में इंडियन मार्केट्स से जुड़ी कई अहम बातें बताई हैं।
अप्रैल की शुरुआत से जारी तेजी की वजह से वैल्यूएशन फिर से बढ़ी
वुड (Chris Wood) ने कहा कि अप्रैल के बाद से इंडियन स्टॉक मार्केट्स में आई तेजी की वजह से वैल्यूएशन फिर से काफी बढ़ गई है। खासकर मिडकैप सेगमेंट में ऐसा देखने को मिला है। 7 अप्रैल को निफ्टी अपने इस साल के सबसे लो लेवल से 14.1 फीसदी चढ़ चुका है। अभी निफ्टी 50 में उसके 12 महीने के फॉरवर्ड अर्निंग्स के 22.2 गुना पर ट्रेडिंग हो रही है। उधर, इस दौरान निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 23.7 फीसदी चढ़ा है। इससे इसकी वैल्यूएशन फॉरवर्ड अर्निंग्स के 27.1 गुना पर पहुंच गई है।
कंपनियां हाई वैल्यूएशंस पर शेयर जारी कर पैसे जुटा रही हैं
ग्रीड एंड फीयर में उन्होंने लिखा है कि ज्यादा वैल्यूएशंस की वजह से कंपनियां मौके का फायदा उठाते हुए स्टॉक्स से पैसे जुटा रही हैं। जून में अब तक शेयरों के जरिए 6 अरब डॉलर जुटाए गए है। पिछले महीने शेयरों के जरिए 7.2 अरब डॉलर जुटाए गए थे। शेयरों की यह सप्लाई ही मार्केट के लिए बड़ा रिस्क बन रही है। सितंबर 2023 के आखिर में करेक्शन शुरू होने के पहले हर महीने शेयरों से करीब 7 अरब डॉलर जुटाए जा रहे थे।
मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में ज्यादा तेजी
निफ्टी मिडकैप 150 और निफ्टी स्मॉलकैप 250 सूचकांकों में ज्यादा तेजी आई है। ये दोनों अप्रैल की शुरुआत से क्रमश: 17 फीसदी और 18.5 फीसदी चढ़े हैं। यह जानकारी एसीई इक्विटी के डेटा पर आधारित है। वुड का मानना है कि 1 फरवरी को बजट पेश होने के बाद से मार्केट में फोकस बदला है। इनवेस्टर्स कंजम्प्शन की थीम पर ज्यादा दांव लगा रहे हैं। मॉनेटरी पॉलिसी में नरमी का असर भी इनवेस्टर्स पर पड़ा है। इससे कंज्यूमर फाइनेंस स्टॉक्स में तेजी आई है।
यह भी पढ़ें: मार्केट में हेराफेरी करने वाले खुद को बचा नहीं पाएंगे, SEBI चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने किया आगाह
लौट रहा है निवेशकों का भरोसा
ईरान-इजरायल युद्ध के बावजूद स्टॉक मार्केट्स पर ज्यादा दबाव नहीं दिख रहा। ऐसा लगता है कि इस लड़ाई का जितना असर स्टॉक मार्केट्स पर पड़ने वाला था, वह पड़ चुका है। मार्केट्स में फिर से इनवेस्टर्स का भरोसा लौट रहा है। इंडिया वीआईक्स में आई गिरावट से भी इसका संकेत मिला है। 20 जून को सेंसेक्स और निफ्टी 1.29 फीसदी चढ़कर बंद हुए।
Read More at hindi.moneycontrol.com