Indian Railways first time export 150 locomotive engines to african country Guinea supplied from Marhaura factory in Bihar ANN

Indian Locomotive Engines: भारतीय रेलवे, पहली बार देश में बनाया हुआ लोकोमोटिव इंजन देश के बाहर निर्यात करेगा. रेलवे के मुताबिक बिहार के मारहौरा में स्थित रेलवे लोकोमोटिव फैक्ट्री 3000 करोड़ रुपये से अधिक के सिमफर के सिमंडौ आयरन अयस्क परियोजना के लिए 150 इवोल्यूशन सीरीज ES43ACmi लोकोमोटिव अगले 3 सालों में, अफ्रीकी देश गिनी को निर्यात करेगा. बिहार से गिनी को निर्यात किया जाने वाले पहले इंजन को पीएम मोदी आगामी 20 जून को हरी झंडी दिखाएंगे. 

भारतीय रेलवे की ओर से अब अपने रेवेन्यू को बढ़ाने की दिशा में ये एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. रेलवे अब अपने रेवेन्यू के लिए सिर्फ यात्रियों से आए किराए पर ही निर्भर नहीं करती बल्कि अब उसकी इंजीनियरिंग और इनोवेशन का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है. बिहार के मारहौरा की लोकोमोटिव फैक्ट्री से 150 लोकोमोटिव इंजन गिनी को निर्यात किए जाएंगे. ये इंजन डीजल आधारित होंगे. 150 इंजनों में से 37 लोकोमोटिव इसी वित्तीय वर्ष में निर्यात किए जाएंगे, जबकि 82 अगले वित्तीय वर्ष में और 31 तीसरे वर्ष में निर्यात किए जाएंगे. 

लोकोमोटिव इंजन के लिए ग्लोबल टेंडर
रेलवे बोर्ड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर दिलीप कुमार ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि सभी लोकोमोटिव में क्रू की सुविधा के लिए AC केबिन होंगे. इसके अलावा सभी लोकोमोटिव में एकल केबिन होगी और दो लोकोमोटिव मिलकर 100 वैगनों का भार ढोने में सक्षम होंगे. बता दें कि गिनी की ओर से इन लोकोमोटिव इंजन को खरीदने के लिए एक ग्लोबल टेंडर निकाला गया था और इसमें भारतीय रेलवे ने भी भाग लिया था, जिसके बाद 3000 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का टेंडर भारतीय रेलवे को मिला, जिसके तहत अगले 3 सालों में गिनी को 150 इंजन, मारहौरा की फैक्ट्री से भेजा जाएगा. यानी प्रत्येक इंजन की कीमत 20 करोड़ रुपए से भी ज्यादा होगी. 

भारतीय रेलवे सबसे ज्यादा लोकोमोटिव इंजनों का कर रहा निर्माण
दिलीप कुमार ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि इस वक्त भारतीय रेलवे, अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों को मिलाकर भी इनसे ज्यादा लोकोमोटिव इंजनों का निर्माण कर रहा है. निर्यात किए जाने वाले इन लोकोमोटिव में 4500 HP, AC प्रोपल्शन, रीजनरेटिव ब्रेकिंग, माइक्रोप्रोसेसर-आधारित नियंत्रण और मॉड्यूलर वास्तुकला होगी. इसके अलावा इन इंजनों में आधुनिक सुविधाओं जैसे रेफ्रिजरेटर, माइक्रोवेव और पानी रहित शौचालय प्रणाली के साथ एर्गोनोमिक क्रू केबिन को सुविधा दी गई है. ये लोकोमोटिव DPWCS (डिस्ट्रीब्यूटेड पावर वायरलेस कंट्रोल सिस्टम) से लैस होंगे, जो समन्वित संचालन और बेहतर माल ढोने में मदद करेगा.

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