Share Market Down: भारतीय शेयर बाजारों में आज 17 जून को तेज गिरावट आई। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 419.15 अंक या 0.51% गिरकर 81,471.89 के निचले स्तर तक पहुंच गया। वहीं निफ्टी में 136 अंक या 0.54% की गिरावट आई और यह 24,846.45 के स्तर तक फिसल गया। हालांकि, बाजार ने बाद में थोड़ी रिकवरी की। सेंसेक्स 212.85 अंक यानी 0.26% गिरकर 81,583.30 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 93.10 अंक यानी 0.37% फिसलकर 24,853.40 पर क्लोज हुआ।
निवेशकों ने सोमवार की तेज बढ़त के बाद मुनाफावसूली की। वहीं इजराइल-ईरान तनाव से जुड़ी चिंताओं ने बाजार पर दबाव बनाया। सबसे अधिक गिरावट मेटल और फार्मा कंपनियों के शेयरों में देखने को मिली। आईटी को छोड़कर बाकी सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे 5 मुख्य कारण रहे-
1. इजराइल-ईरान तनाव
इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष लगातार पांचवें दिन भी जारी रहा। इस बीत अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी सभी नागरिकों को ईरान की राजधानी तेहरान खाली करने की चेतावनी दी है। ट्रंप ने कहा कि ईरान ने परमाणु समझौतों पर उनकी ओर से दी गई डील पर साइन नहीं किया है, जिसका उसे खामियाजा उठाना पड़ेगा। कई मीडिया रिपोर्टों में इस बात की भी संभावना जताई गई है कि इजराइल के समर्थन में अमेरिका की भागीदारी हो सकती है, जिससे पश्चिम एशिया में हालात और बिगड़ सकते हैं। HDFC सिक्योरिटीज के प्राइम रिसर्च हेड, देवर्ष वकील ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप के तेहरान पर बयान के बाद भू-राजनीतिक तनाव से बाजार पर दबाव बना है।”
2) कमजोर ग्लोबल संकेत
एशियाई बाजारों में कमजोरी से भी बाजार के सेंटीमेंट पर असर पड़ा। भारतीय शेयर बाजार में कारोबार शुरु होने से पहले साउथ कोरिया का कोस्पी, शंघाई का SSE कंपोजिट और हांगकांग के हैंगसेंग इंडेक्स लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। साथ ही अमेरिकी शेयर बाजारों के फ्यूचर्स भी कमजोर शुरुआत के संकेत दे रहे थे।
3) कच्चे तेल की कीमतों में उछला
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड का भाव0.53 प्रतिशत बढ़कर 73.62 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। अमेरिका की ओर से यूरोप में अपनी सैन्य शक्तियों को मजबूत करने और राष्ट्रपति ट्रंप के G7 शिखर सम्मेलन की अपनी यात्रा को बीच में ही समाप्त करने की खबरों ने भी बाजार में सतर्कता बढ़ाई। क्रूड ऑयल की ऊंची कीमतों को भारत जैसे तेल आयातक देशों के लिए नकारात्मक माना जाता है।
4) विदेशी निवेशकों की बिकवाली
सोमवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय शेयर बाजार से 2,539.42 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की, जिससे बाजार पर अतिरिक्त दबाव पड़ा।
5) फेडरल रिजर्व के फैसले का इंतजार
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों को लेकर बैठक के चलते भी आज निवेशकों का रुख सतर्क रहा। इस बैठक के नतीजे भारतीय समयानुसार आज देर रात आने की उम्मीद है। चॉइस ब्रोकिंग के एनालिस्ट्स हार्दिक मटालिया ने कहा, “ग्लोबल अनिश्चितता के बीच निवेशक सतर्क बने हुए हैं और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आगामी फैसले से निकलने वाले संकेतों का इंतजार कर रहे हैं।”
क्या आगे और गिरावट संभव है?
Geojit Investments के चीफ मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट आनंद जेम्स ने कहा, “हमें भरोसा नहीं है कि पिछले शुक्रवार को लोअर बॉलिंजर बैंड से मिली तेजी लंबे समय तक टिक पाएगी। हमें कारोबार के 24500 से 24832 के बीच सीमित रहने की उम्मीद है। अगर कंसॉलिडेशन के बाद निफ्टी 24,832/24,888 को पार नहीं कर सका तो इसमें 24,060 तक गिरावट देखने को मिल सकती है।”
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