Asian Paints के शेयरों में ₹1,876 करोड़ की ब्लॉक डील, 85 लाख शेयर बिके, एक महीने में 5.5% टूटा भाव – asian paints sees rs 1876 crore block deal 85 lakh shares sold as stock slips over 5 percent in a month

Asian Paints Shares: देश की सबसे बड़ी पेंट कंपनी, एशियन पेंट्स लिमिटेड के शेयरों में आज 16 जून को एक बड़ी ब्लॉक डील देखने को मिली। इस डील में करीब 85 लाख शेयरों का लेन-देन हुआ, जिसकी कुल कीमत करीब 1,876 करोड़ रुपये रही। ये 85 लाख शेयर कंपनी की करीब 0.88 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर हैं। हालांकि इस डील में शेयर बेचने और खरीदने वाले कौन थे, खबर लिखे जाने तक इसकी जानकारी सामने नहीं आई थी।

ब्लॉक डील के बाद एशियन पेंट्स के शेयरों में हल्का उतार-चढ़ाव देखने को मिली। दोपहर 11.30 बजे के करीब, कंपनी के शेयर एनएसई पर 0.54 फीसदी की तेजी के साथ 2,226.10 रुपये के भाव पर बंद हुए। पिछले एक महीने में कंपनी के शेयरों में 5.5 फीसदी की तेजी आई है। वहीं पिछले एक साल में इसके शेयरों का भाव 23.6 फीसदी तक गिर चुका है।

पिछले हफ्ते ही ऑयल से लेकर टेलीकॉम बिजनेस सेक्टर की दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने भी एशियन पेंट्स में अपनी 3.5 करोड़ शेयरों की हिस्सेदारी को 2,201 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बेचा थी। इस बिक्री के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास अभी भी कंपनी के 87 लाख शेयर बचे हुए हैं।

रिलायंस ने शेयर बाजारों को भेजी एक सूचना में बताया, “हम सूचित करना चाहते हैं कि सिद्धांत कमर्शियल्स लिमिटेड के जरिए एशियन पेंट्स के 3.5 करोड़ इक्विटी शेयर आज 2,201 रुपये प्रति शेयर की दर से बेचे गए हैं। बिक्री के बाद हमारे पास अब 87 लाख इक्विटी शेयर बचे हुए हैं।”

मार्च तिमाही के शेयरहोल्डिंग आंकड़ों के मुताबिक, एशियन पेंट्स के प्रमोटर ग्रुप के पास कंपनी की कुल 52.6% हिस्सेदारी है। इसके अलावा विदेशी निवेशकों के पास (FIIs) के पास 12.2%, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) के पास 15.6%, जबकि पब्लिक शेयरहोल्डिंग 19.5% है।

एशियन पेंट्स के वित्तीय नतीजों की बात करें तो, हालिया मार्च तिमाही में कंपनी ने 692 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया, जो एनालिस्ट्स के अनुमानों से कम रहा। वहीं कंपनी का कुल कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू इस दौरान 4.3% घटकर 8,359 करोड़ रुपये रहा।

कंपनी के सीईओ अमित सिंघल ने नतीजों के बाद आयोजित एक आर्निंग्स कॉल में बताया कि पेंट इंडस्ट्री की मौजूदा डिमांड स्थिति पिछले 20 सालों में सबसे कमजोर है। उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों में डेकोरेटिव पेंट्स में कभी भी निगेटिव ग्रोथ नहीं रही थी, लेकिन इस बार ऐसा हुआ है। साथ ही बढ़ते कॉम्पिटीशन ने इस मंदी के दौर में कंपनी पर और दबाव डाला है।

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डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल, नेटवर्क18 समूह का एक हिस्सा है। नेटवर्क18 को इंडिपेंडेंट मीडिया ट्रस्ट द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जिसकी एकमात्र लाभार्थी रिलायंस इंडस्ट्रीज है।

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