Israel–Iran War: इजरायल ने 200 से ज्यादा फाइटर प्लेन से किया हमला, ईरान के तीन टॉप कमांडरों की मौत

Israel–Iran War: इजरायल और ईरान के बीच छिड़ा युद्ध अब भीषण होता जा रहा है। IDF ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के तहत ईरान परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया है। इसके साथ ही इजरायल ने अपने हमले में ईरान के तीन टॉप कमांडर के मारे जाने का दावा किया है। जिसमें ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ, IRGC के कमांडर और ईरान के आपातकालीन कमांड के कमांडर शामिल हैं।

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दरअसल, इजरायल डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिये ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले की जानकारी दी है। आईडीएफ ने अपने ताजा पोस्ट में लिखा, ‘अब हम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ, IRGC के कमांडर और ईरान के आपातकालीन कमांड के कमांडर सभी 200 से अधिक लड़ाकू विमानों द्वारा ईरान में किए गए इजरायली हमलों में मारे गए। ये तीन क्रूर सामूहिक हत्यारे हैं जिनके हाथ अंतरराष्ट्रीय खून से रंगे हैं। इनके बिना दुनिया एक बेहतर जगह है।’

इससे पहले इजरायली सेना ने लिखा, ‘IDF ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर हमला करने के लिए एक पूर्व-आक्रमणकारी, सटीक, संयुक्त आक्रमण शुरू किया। दर्जनों IAF जेट विमानों ने पहला चरण पूरा किया जिसमें ईरान के विभिन्न क्षेत्रों में परमाणु लक्ष्यों सहित दर्जनों सैन्य लक्ष्यों पर हमले शामिल थे। आज, ईरान परमाणु हथियार प्राप्त करने के पहले से कहीं अधिक करीब है। ईरानी शासन के हाथों में सामूहिक विनाश के हथियार इजरायल राज्य और व्यापक दुनिया के लिए एक अस्तित्वगत खतरा हैं। इजरायल राज्य के पास अपने नागरिकों की रक्षा के लिए कार्य करने के दायित्व को पूरा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है और ऐसा हर जगह करना जारी रखेगा जहाँ ऐसा करने की आवश्यकता है, जैसा कि हमने अतीत में किया है।’

आईडीएफ ने एक अन्य पोस्ट में दावा किया- ‘अनवर्गीकृत: ईरान की परमाणु योजनाएँ … हाल ही में मिली खुफिया जानकारी से पता चलता है कि ईरान परमाणु हथियार की ओर अपनी दौड़ में वापसी के करीब पहुँच गया है। शासन भूमिगत, किलेबंद स्थलों में विकेंद्रीकृत और किलेबंद संवर्धन यौगिकों के साथ-साथ हजारों किलोग्राम समृद्ध यूरेनियम का उत्पादन कर रहा है। हाल के महीनों में इस कार्यक्रम में काफी तेजी आई है, जिससे शासन परमाणु हथियार प्राप्त करने के काफी करीब पहुँच गया है।’

इससे पहले इजरायली सेना ने लिखा, ‘ईरानी शासन दशकों से परमाणु हथियार प्राप्त करने के लिए काम कर रहा है। दुनिया ने इसे रोकने के लिए हर संभव कूटनीतिक रास्ता अपनाने की कोशिश की है, लेकिन शासन ने इसे रोकने से इनकार कर दिया है। इज़राइल राज्य के पास कोई विकल्प नहीं बचा है। आईडीएफ का दायित्व है कि वह इज़राइल के नागरिकों की रक्षा के लिए काम करे और ऐसा करना जारी रखेगा।’

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